विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित किया, इसके बाद एक दिन में बंबई शेयर बाज़ार के निवेशकों को 9 लाख करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ।
क्या यह सिर्फ़ संयोग है कि यस बैंक से पैसे निकालने की अधिकतम सीमा 50 हज़ार रुपए हर महीने का एलान होने के ठीक एक दिन पहले किसी ने अपने खाते से 265 करोड़ रुपए एक बार में ही निकाल लिए?
छह महीने में तीन बैंक या वित्तीय कंपनियों का भट्ठा बैठ चुका है। डूब चुके पैसे वाली अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की कोई योजना केंद्र सरकार के पास नहीं है।
यस बैंक को बचाने के लिए स्कीम एक महीने के अंदर पेश करेगा रिज़र्व बैंक। इसके पहले ही उसने जमाकर्ताओं के महीने भर में 50 हज़ार रुपये तक निकालने की सीमा लगा दी है।
पीएफ़ पर ब्याज दर घटा दी गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफ़ओ ने 2019-20 के लिए पीएफ़ पर ब्याज दर 8.50 फ़ीसदी कर दिया है। यह 2018-19 के लिए 8.65 फ़ीसदी थी।
शेयर बाज़ार शुक्रवार को औंधे मुँह गिरा। हफ़्ते के आख़िरी क़ारोबार में सेंसेक्स में 1,448.37 अंकों यानी 3.64 फ़ीसदी की गिरावट आई और यह 38,297.29 पर बंद हुआ। इससे क़रीब शेयर बाज़ार को छह लाख करोड़ का नुक़सान हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की यात्रा के बीच ही शेयर बाज़ार ने गोता लगाया है। सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सेंसेक्स 806.89 अंकों की भारी गिरावट के साथ 40363.23 पर बंद हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपनी यात्रा के कुछ दिन पहले ही भारत को चेतावनी दी है और आरोप लगाया है कि दिल्ली अमेरिकी उत्पादों पर सबसे ज़्यादा टैक्स लगाता है।