कोरोना से बुरी तरह मार खाई हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपए का नया पैकेज लाने का एलान किया है।
कोविड-19 महामारी के बाद की कमज़ोरी दूर होने का नाम ही नहीं ले रही। शरीर पर असर हो, हमारे काम धंधों पर असर हो या देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर। सबसे बड़ा संकट तो रोज़गार के बाज़ार में दिख रहा है।
महुआ मोइत्रा ने अडाणी की कंपनियों के शेयरों में आए असाधारण उछाल, उनमें विदेश से आई रकम, इस रकम को लाने वाले विदेशी निवेशकों और इस रकम के मूल स्रोत पर सवाल उठाए हैं।
गौतम अडानी के पास अवसर था कि वह मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर एशिया के सबसे बड़े रईस बन जाते। लेकिन, हुआ यह कि वे झोंग शानशान से भी पीछे होकर तीसरे नंबर पर पहुँच गये।
स्विटज़रलैंड की संस्था यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर शून्य से 12 प्रतिशत नीचे चली जाएगी।
अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बाद समूह ने सफाई दी कि जिस खबर की वजह से उनके शेयरों में गिरावट आई थी वो खबर ही सही नहीं थी। इसके बाद गिरावट न सिर्फ थम गई बल्कि कई शेयर काफी सुधरकर बंद हुए।
मई में ही अप्रैल महीने के लिए थोक महंगाई का जो आँकड़ा आया उसमें महंगाई बढ़ने की दर ग्यारह साल की नई ऊंचाई पर दिख रही है। पिछले साल के मुक़ाबले साढ़े दस परसेंट ऊपर।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने उनकी आवाज़ दबाने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाते हुए कहा है कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में उन्हें बोलने नहीं दिया गया और बैठक ख़त्म करने का एलान कर दिया गया।
भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2020-2021 में शून्य से 7.3 प्रतिशत नीचे चली गई, यानी इसकी विकास दर -7.3 दर्ज की गई है। यह पिछले 40 साल की न्यूनतम आर्थिक विकास दर है।