पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और उसके बाद आरएसएस के मुखपत्र पाँचजन्य ने जिस तरह इन्फ़ोसिस और टाटा समूह पर हमला किया है, उससे उद्योग जगत बेहद परेशान है।
केंद्र सरकार ने रबी फसल के समर्थन मूल्य में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी का एलान किया है। इसके तहत गेहूं, चना, मटर, ज्वार व बाजरा जैसे फसलों पर किसानों को अधिक पैसे मिलेंगे।
जीडीपी में 20 प्रतिशत की वृद्धि पर बहुत खुश होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा समय अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है और यह मंदी से बाहर नहीं निकला है।
सांख्यिकी विभाग ने जब जीडीपी 20.1 फ़ीसदी विकास दर के आँकड़े जारी किए तो एक के बाद एक सभी टीवी चैनलों पर इसे सरकार की उपलब्धि बताया जाने लगा। लेकिन क्या इसे वाक़ई सरकार की उपलब्धि माना जा सकता है?
नेशनल मॉनीटाईजेशन पाइपलाइन से सबसे ज़्यादा पैसा भारतीय रेल से ही मिलेगा, लेकिन यह उसका चरित्र भी बदल देगा। क्या होगा भारतीय रेल का और क्या होगा इसकी रियायतों का, पढ़ें हरजिंदर को।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मॉनीटाइजेशन पाइपलाइन का एलान किया है, जिससे छह लाख करोड़ रुपए का इंतजाम किया जा सकता है। पर विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया है। क्या है मामला?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 का बजट पेश करते हुए पहली बार इस योजना को सामने रखा था और कहा था कि सरकार पैसा जुटाने के लिए नए रास्तों पर विचार कर रही है।
फिच समूह की इंडिया रेटिंग्स ने टीकाकरण की रफ़्तार कम होने की वजह से भारत की जीडीपी अनुमान घटा दिया है। इसने कहा है कि जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 में 9.6 फ़ीसदी नहीं, बल्कि अब 9.4 फ़ीसदी ही रहने की संभावना है।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका विकास, सबका प्रयास' का नारा उछाल कर एक नई बहस की शुरुआत कर दी है। क्या यह महज नारा साबित होगा या वाकई कुछ होगा।
केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कंपनियाँ सिर्फ अपने और अपने मुनाफ़े के बारे में ही सोचती हैं, उनका कामकाज राष्ट्र हित के ख़िलाफ़ होता है।