देश में अमीरों और ग़रीबों के बीच खाई इतनी चौड़ी क्यों है? देश के दस परसेंट अमीरों की सालाना कमाई देश की कुल कमाई का सत्तावन परसेंट हिस्सा क्यों है? क्या यह सरकार द्वारा लगाम छोड़ने का नतीजा है?
क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून आने के बाद रिज़र्व बैंक एक डिजिटल करेंसी भी जारी करने जा रहा है। लेकिन सवाल है कि जिसकी कोई वास्तविक क़ीमत नहीं है उसको मान्यता कैसे मिलेगी?