दुनिया भर के देशों के सामने आ रहे आर्थिक संकट के बीच अब भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर आख़िर चिंताएँ क्यों उठने लगी हैं? क्या विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ रहा है इसलिए?
कई देश पहले से ही आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं तो क्या अब आगे और भी बुरे दौर बाक़ी हैं? 2008 की आर्थिक मंदी की सटीक भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री से जानिए, क्या होंगे हालात।
वित्त मंत्री और सरकार के लोग चाहे जो दावे करें विदेश व्यापार का बढ़ता आकार और उससे भी ज्यादा तेजी से बढ़ता घाटा अर्थशास्त्र के सारे जानकारों को चिंतित किए हुए है।
भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। कुछ महीने पहले तो यह छठे पायदान पर था, लेकिन क्या आपको पता है कि आज़ादी के तुरंत बाद यानी 1950 में भी भारत की अर्थव्यवस्था छठे पायदान पर ही थी? तो इन दशकों में क्या बदला?
क्या भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है? आख़िर इस वित्त वर्ष में जीडीपी के तेज़ गति से बढ़ने के मायने क्या हैं? जितनी उम्मीद थी उतनी तेज़ गति से जीडीपी क्यों नहीं बढ़ा?
दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी माने जाने वाले गूगल में छंटनी की आशंकाओं के बीच क्या एप्पल में छंटनी शुरू हो गई है? क्या अब इन कंपनियों में नये कर्मचारियों को काम पर रखने पर रोक लगेगी?
संसद में दो दिन पहले ही बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने दावे के साथ कहा था कि महंगाई कहीं पर भी है ही नहीं। तो क्या सच में ऐसा है? आरबीआई गर्वनर क्या मानते हैं?