अप्रैल में देश के सभी 8 कोर सेक्टर का आउटपुट रिकॉर्ड 38.1 फ़ीसदी गिरा है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की कोर सेक्टर पर करारी मार पड़ी है।
इन 8 कोर सेक्टर में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफ़ाइनरी उत्पाद, स्टील, सीमेंट, उर्वरक और बिजली आते हैं। इस साल मार्च में ये 9 फ़ीसदी सिकुड़ गये थे। उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन की वजह से अप्रैल 2020 में कोर सेक्टर के सभी उद्योगों में बहुत कम उत्पादन हुआ है।
लॉकडाउन के कारण काम-धंधे, कारखाने पूरी तरह ठप हैं, ऐसे में इस तरह के आंकड़ों की उम्मीद पहले से लगाई जा रही थी।
इसके अलावा 2019-20 की चौथी तिमाही में जीडीपी 3.1% रही जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी 4.2% रही है। यह 11 साल का सबसे कम स्तर है।
चूंकि ये आंकड़े चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के हैं, इसलिए ये दिखाते हैं कि कोरोना वायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आर्थिक विकास में किस कदर ठहराव आया है। इस बात की पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचेगी।
कुछ दिन पहले ही रिजर्व बैंक ने कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की विकास दर नकारात्मक रहेगी।
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