मोहनन ने यह भी साफ़ किया कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफ़ा नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि आयोग कोई बहुत बेहतर काम नहीं कर रहा था। उनके मुताबिक़, सरकार को मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए और व्यवस्था में सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे साथ इस्तीफ़ा देने वाली मीनाक्षी ने भी यही कहा है।
बता दें कि हाल ही में अंग्रेजी अख़बार बिजनेस स्टैंडर्ड ने बेरोज़गारी को लेकर एक रिपोर्ट छापी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में बेरोज़गारी की दर 45 साल में सबसे ज़्यादा हो गई है। रिपोर्ट के सामने आने के बाद ख़ासा हंगामा हो गया था और नीति आयोग ने सफ़ाई देते हुए कहा था कि यह ड्राफ़्ट रिपोर्ट है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में बेरोज़गारी दर 6.1 फ़ीसदी रही और यह 1972-73 के बाद सबसे ज़्यादा है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2011-12 में बेरोज़गारी दर 2.2 फ़ीसदी रही थी। एनएसएसओ के आँकड़े 5 साल में एक बार आते हैं। संगठन देश भर में सर्वेक्षण कर रोज़गार, शिक्षा, ग़रीबी, स्वास्थ्य और कृषि की स्थिति पर रिपोर्ट देता है।
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