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एनएसई ने अडानी की 2 कंपनियों को निगरानी से हटाया

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी पोर्ट्स एंड नेशनल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) और अंबुजा सीमेंट्स को ​अतिरिक्त निगरानी ढांचे से हटा दिया है। यह खबर इकोनॉमिक टाइम्स ने दी है। अखबार के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में, एक्सचेंज ने अत्यधिक अस्थिरता को रोकने के लिए अतिरिक्त निगरानी उपायों (एएसएम) के तहत अडानी समूह की तीन कंपनियों के शेयरों- अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स को निगरानी के दायरे में रखा था। 
शॉर्ट-टर्म ASM फ्रेमवर्क के तहत शेयरों में ट्रेडिंग करने के लिए निवेशकों को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए भी 100% अपफ्रंट मार्जिन का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। इसलिए सेबी अतिरिक्त निगरानी बाजार की विश्वसनीयता को बढ़ाने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए ऐसी पहल करती है।
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अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडानी समूह के कॉर्पोरेट कुप्रबंधन, स्टॉक मूल्य में हेरफेर, भारत को व्यवस्थित ढंग से लूटने के आरोप लगाए हैं। इसके दलाल स्ट्रीट पर अडानी समूह की कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए।  
25 जनवरी के बाद से, समूह के अधिकांश शेयरों का शेयर मूल्य आधे से कम हो गया है। इसने निवेशकों की 100 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति को खत्म कर दिया है। स्टॉक की कीमत में तेज गिरावट ने गौतम अडानी को 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को पूरी तरह से सब्सक्राइब होने के बावजूद वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया। 
हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में बढ़ती चिंता के बीच बाजार नियामक सेबी एफपीओ में कुछ निवेशकों के लिए अडानी समूह के लिंक की जांच कर रहा है। लेकिन सेबी ने खुद इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। द इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया कि कल शुक्रवार को ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अडानी ग्रीन एनर्जी सहित अडानी समूह की चार कंपनियों को "स्थिर" से "नेगेटिव" कर दिया। यानी यह सूचना निवेशकों के लिए थी कि अडानी ग्रीन एनर्जी में पैसा लगाना खतरे से खाली नहीं है।
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मार्केट रेगुलेटर सेबी कानूनों के संभावित उल्लंघन या शेयर बिक्री प्रक्रिया में हितों के किसी भी टकराव की जांच कर रहा है। उधर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से अडानी ग्रुप की कंपनियों में उनके एक्सपोजर के बारे में भी जानकारी मांगी है। कई बैंकों ने अडानी समूह में निवेश कर रखा है। 
हालांकि देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने जोखिम और अडानी समूह को दिए गए लोन के बारे में स्पष्ट किया है। भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने भी अडानी समूह की कंपनियों में अपने निवेश के मुनाफे में रहने का भरोसा दिया है। लेकिन शेयर मार्केट फिर भी असंतुष्ट रहा और अडानी समूह के शेयर उठ नहीं पाए हैं।
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अपनी वित्तीय स्थिति और सभी बकाया कर्ज चुकाने की क्षमता के बारे में निवेशकों को आश्वस्त करने के बावजूद अडानी समूह दबाव में है। रिपोर्टों के अनुसार, समूह ने हिंडनबर्ग के खुलासे का मुकाबला करने के लिए सक्रियता रक्षा कानून फर्म वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज़ की सेवाएं हासिल की हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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