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आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया वित्त मंत्री ने

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की झोली में आयकर दाताओं के लिए कोई राहत या रियायत नहीं थी। इसकी वजह शायद यह है कि पीयूष गोयल ने चुनाव को देखते हुए अंतरिम बजट में ही मध्यवर्ग को काफ़ी छूट दे दी थी। पाँच लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई आयकर नहीं लगेगा।
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अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा था कि सालाना 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई आयकर नहीं चुकाना होगा। उसी समय स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 40,000 रुपये से बढ़ा कर 50,000 रुपये कर दिया गया था।
यानी टैक्स की गणना के लिए इतनी रकम कुल आय से पहले ही घटा दी जाएगी और उसके बाद की आय को ही आयकर के लिए गिना जाएगा। इससे लगभग 3 करोड़ लोगों को सालाना 4,700 रुपये का फ़ायदा होगा। 

No change in Income Tax rate in Nirmala Sitharaman Budget 2019 - Satya Hindi
No change in Income Tax rate in Nirmala Sitharaman Budget 2019 - Satya Hindi
No change in Income Tax rate in Nirmala Sitharaman Budget 2019 - Satya Hindi
सालाना 2 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये तक तक की आय पर 3 प्रतिशत और 5 प्रतिशत से ज़्यादा की आय पर 7 प्रतिशत सरचार्ज चुकाना होगा। बिजली की गाड़ी खरीदने के लिए कर्ज़ लेने पर 1.50 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकेगी। अफ़ोर्डबल घर खरीदने के लिए बैंक से लिए गए कर्ज़ के ब्याज़ पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी। 

बजट में कहा गया है कि 400 करोड़ रुपये तक का सालाना करोबार करने वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत की दर से कारपोरेट टैक्स चुकाना होगा। पहले यह दर 30 प्रतिशत थी।
समझा जाता है कि 99.3 प्रतिशत कंपनियाँ इस श्रेणी में आती हैं। इसे कारपोरेट जगत के लिए बड़ी राहत समझा जा सकता है। गिरती अर्थव्यवस्था के बीच इसे महत्वपूर्ण इसलिए माना जा सकता है कि इससे उद्योग जगत को राहत मिलेगी, वे बेहतर काम कर सकेंगे। कारपोरेट जगत के बेहतर कामकाज से कर वसूली अधिक हो सकेगा और सरकार के पास कुल मिला कर अधिक पैसे जाएँगे। कारपोरेट जगत को तो इसका फ़ायदा होगा ही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रत्यक्ष कर वसूली में पिछले साल 78 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने यह भी कहा कि आयकर रिटर्न भरने के लिए अब पैन की ज़रूरत नहीं होगी, इसे आधार कार्ड से भी भरा जा सकता है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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