रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है और इसके लिए सरकार पर सवाल भी लगातार उठ रहे हैं। ऐसे ही एक सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा है कि रुपये ने अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। इसी दौरान उन्होंने तर्क दिया कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है, बल्कि डॉलर मज़बूत हुआ है।
अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान एक प्रेस वार्ता में मीडिया कर्मियों के एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं इसे डॉलर के लगातार मज़बूत होने के रूप में देखती हूँ न कि रुपये में गिरावट के रूप में।'
निर्मला सीतारमण की यह टिप्पणी तब आई है जब कुछ दिन पहले ही रुपया डॉलर के मुक़ाबले 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर तक गिर गया था।
निर्मला ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि बहुत अधिक अस्थिरता न हो, और भारतीय मुद्रा के मूल्य को ठीक करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप नहीं कर रहा था।
निर्मला जी का दिव्य ज्ञान सुनिए, कह रही रुपया कमजोर नही डॉलर मजबूत हो रहा है pic.twitter.com/pY2NnOKzIx
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) October 16, 2022
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने निर्मला के जवाब पर तंज कसते हुए ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति के एक ग्राफिक को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'हमारे देश में भुखमरी नहीं बढ़ी, व्रत रखने वालों की संख्या बढ़ गई।'
न न न
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 16, 2022
हमारे देश में भुखमरी नहीं बढ़ी।
व्रत रखने वालों की संख्या बढ़ गई। pic.twitter.com/hIUG8WOvDl
प्याज महँगा है तो खाना बंद कर दीजिए, नौकरी नहीं है तो लोन ले लीजिए, रुपया कमजोर नहीं हो रहा है डॉलर मज़बूत हो रहा है।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) October 16, 2022
ऐसे बयान देने से पहले भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी अपनी पार्टी द्वारा 2014 के पहले दिए बयान जरूर सुनें।
पर जब देश का मीडिया आपके साथ हो तो चल जाता है। https://t.co/TeZ4cwhirj
निर्मला सीतारमण को सुनिए जब डॉलर के मुकाबले रुपया 62 का था.
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) October 16, 2022
पहले निर्मला जी को रुपया कमजोर दिखता था अब डॉलर मजबूत दिख रहा है pic.twitter.com/NX6CKtqmqC
बता दें कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान यूपीए सरकार के दौरान डॉलर के मुक़ाबले रुपये के गिरने पर हमला किया था। 2013 में मोदी ने कहा था कि डॉलर के मुक़ाबले रुपये की सेहत तेजी से गिर रही है और कोई दिशा तय करने वाला नहीं है। उन्होंने कहा था कि रुपये का स्तर एक बार 60 तक पहुँच गया और सरकार कोई क़दम नहीं उठा रही है। उन्होंने तो तब चुटकी लेते हुए कहा था कि 'यूपीए और रुपये में नीचे गिरने की होड़ लगी है'।
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