केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को 70 हज़ार करोड़ रुपये देगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यह घोषणा की। मोटर कार और अन्य उद्योगों की मदद के लिए उन्होंने कई सुधारों का एलान भी किया। वित्त मंत्री ने दुनिया भर में उद्योगों में मंदी है, लेकिन भारत में विकास दर अमेरिका और चीन से बेहतर है। निर्मला सीतारमण की घोषणा की बड़ी बातें-
- बैंकों और वित्तीय संस्थानों में नकदी का संकट ख़त्म करने के लिए सरकार 70,000 करोड़ रुपये देगी।
- टैक्स अधिकारियों का खौफ ख़त्म किया जाएगा। टैक्स स्क्रूटनी सबकी नहीं की जाएगी।
- रिटर्न फ़ाइल करने का तरीक़ा सरल बनाया जाएगा। सिस्टम से छेड़छाड़ करने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।
- ग्राहक अब ऋण के आवेदन की स्थिति ऑनलाइन देख सकेंगे।
- क़र्ज़ चुकाने के 15 दिनों में ऋण दस्तावेज़ों को वापस करना होगा।
- बैंकों ने फ़ैसला लिया है कि आवास ऋण पर ईएमआई कम होगी।
- आईटी समन अब केंद्रीकृत प्रणाली से भेजा जाएगा। उत्पीड़ित व्यक्ति को राहत देने की कोशिश।
- इनकम टैक्स के सभी पुराने नोटिसों का डेढ़ महीने में निपटारा।
- सरकार नई गाड़ियों की ख़रीद पर लगे प्रतिबंध को हटाएगी।
- 31 मार्च 2020 तक ख़रीदी गईं बीएस-4 गाड़ियाँ रजिस्ट्रेशन की पूरी अवधि तक चलाई जा सकेंगी।
- जून 2020 तक वन टाइम रजिस्ट्रेशन फ़ी में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
- छोटे और मझोले उद्योगों का जीएसटी रिफ़ंड 30 दिनों में। आगे से 60 दिनों के अंदर।
- स्टार्टअप्स की परेशानियाँ कम करने के लिए सीबीडीटी के सदस्य के नेतृत्व में सेल।
- लॉन्ग और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर बढ़ा सरचार्ज ख़त्म। बजट से पहले की स्थिति बहाल होगी।
- कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी पूरा नहीं करने पर आपराधिक नहीं बल्कि नागरिक जुर्म माना जाएगा।
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