अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेन्सी और प्रबंधन सलाहकार कंपनी मूडीज़ की बात मानें तो 2020 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर गिर कर 2.5 प्रतिशत पर आ सकती है।
मूडीज़ ने भारत के जीडीपी अनुमान में कटौती ऐसे समय की है, जब कोरोना संक्रमण की वजह से पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है, अर्थव्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है।
क्या कहना है मूडीज़ का?
मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस ने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-2021 में भारत की क्रेडिट रेंटिग कम कर 'बीएए टू निगेटिव' कर दी है। इसके मतलब यह है कि भारत की साख पहले से कम हुई है, जिसका अर्थ यह निकाला जा सकता है कि भारत की अर्थव्यवस्था पहले से बदतर हुई है।पहले इसी एजेन्सी ने अनुमान लगाया था कि वित्तीय वर्ष 2020-20211 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत हो सकती है। बाद में उसने इसमें दो बार कटौती की। ताज़ा जीडीपी अनुमान बहुत ही कम है और भारत के लिए चिंता की बात है।
मूडीज़ ने कहा है, 'साल 2020 के लिए हमने विकास की दर का अनुमान फिर से लगाया है। कोरोना वायरस संक्रमण का झटका भारतीय अर्थव्यवस्था को लगेगा।'
अब क्या होगा?
मूडीज़ के कहने का मतलब यह है कि भारत में नकद का संकट है, उद्योग जगत को पैसे नहीं मिल रहे हैं। लेकिन इसकी निगेटिव रेटिंग का यह अर्थ भी है कि यहाँ पैसे निवेश करना या कारोबार करना जोख़िम भरा है।इसका नतीजा यह होगा कि अब भारत में पहले से भी कम विदेशी निवेशक आएंगे। यह भी हो सकता है कि कुछ निवेश हाथ खींच लें और पैसे निकाल कर चले जाएं।
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