अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेन्सी मूडीज़ ने भारत की रेटिंग कम कर दी है। इसके साथ ही उसने कहा है कि लंबे समय तक कम विकास दर और वित्तीय स्थिति ख़राब बने रहेगी और इन्हें दूर करने की नीतियों को लागू करना मुश्किल होगा।
मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस ने भारत की सॉवरन रेटिंग 'बीएए3' से घटा कर 'बीएए2' कर दी है।
इसका मतलब यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भारत की आर्थिक स्थिति पहले से बदतर हुई है, भारत को क़र्ज़ देना या यहाँ पूंजी निवेश करना पहले से अधिक जोख़िम भरा है।
गिरेगी जीडीपी वृद्धि दर
मूडीज़ ने कहा है कि पहले से ही आर्थिक सुधार लागू नहीं होने और सरकार की नीतियों की वजह से विकास दर बहुत ही धीमी रही है। इसके साथ ही सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर यानी जीडीपी घट कर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है। इसके पहले मूडीज़ ने कहा था कि इस साल भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घट कर 0.2 प्रतिशत हो सकती है। इसकी वजह कोरोना के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला बुरा प्रभाव है।
मूडीज़ ने मार्च महीने भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था। मूडीज़ के पहले भी कई रेटिंग एजेन्सियों और प्रबंध सलाहकार कंपनियों ने कहा था कि भारत की विकास दर बुरी तरह गिर सकती है।
11 साल के न्यूनतम स्तर पर जीडीपी
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि 2019-20 की चौथी तिमाही में जीडीपी 3.1% रही जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी 4.2% रही है। यह 11 साल का सबसे कम स्तर है।
चूंकि ये आंकड़े चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के हैं, इसलिए ये दिखाते हैं कि कोरोना वायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आर्थिक विकास में किस कदर ठहराव आया है। इस बात की पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचेगी।
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