आयकर दर में बदलाव नहीं
- सरकार ने इस साल आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
- निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी में उल्लेखनीय प्रगति लेकिन बड़ी चुनौतियां थीं।
- उन्होंने कहा कि जनवरी में सकल जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1,40,986 करोड़ रुपये है, जो तेजी से आर्थिक सुधार के कारण संभव है।
डिजिटल एसेट ट्रांसफर पर 30% टैक्स
- डिजिटल एसेट ट्रांसफ़र पर 30 फ़ीसदी टैक्स लगेगा। डिजिटल संपत्तियों के उपहारों पर भी कर लगेगा। इसमें वर्चुअल और डिजिटल संपत्तियों की बिक्री या अधिग्रहण से होने वाली कोई भी आय शामिल है।
- सहकारी समितियों के लिए कर की दर घटाकर 15 प्रतिशत की गई।
- वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय घाटे को वित्त वर्ष 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत के नीचे लाने का लक्ष्य पूरा करने की कोशिश होगी। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वित्तीय घाटे को 6.4 प्रतिशत तक रोकने का लक्ष्य रखा गया है।
आईटीआर में सुधार का मौक़ा
- निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आयकर विभाग ने नया रोडमैप बनाया है। करदाताओं द्वारा त्रुटियों को ठीक करने के लिए 2 वर्षों के भीतर अपेडट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
- पूंजीगत व्यय 35.40 प्रतिशत बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ से 7.50 लाख करोड़ रुपये किया गया। प्रभावी व्यय 10.68 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद का 4.1 प्रतिशत होगा।
रिजर्व बैंक डिजिटल रूपी लॉन्च करेगा
- वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023 से आरबीआई द्वारा डिजिटल रूपी जारी जाएगा। इसको ब्लॉकचेन और अन्य तकनीक का उपयोग कर बनाया जाएगा। क्रिप्टो करेंसी में निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रक्षा खरीद के लिए 68 फीसदी पूंजी घरेलू उद्योग के लिए होगी।
- निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट अमृत काल के अगले 25 वर्षों का ब्लू प्रिंट है। मोदी सरकार ने आज़ादी के 100 सालों को अमृत काल की संज्ञा दी है। आजादी के अभी 75 वर्ष हुए हैं 25 वर्ष अभी बाक़ी हैं।
- कोरोना के कारण औपचारिक शिक्षा के नुक़सान की भरपाई के लिए बच्चों को पूरक शिक्षा देने के लिए वन क्लास 1 टीवी चैनल लॉन्च किया जाएगा।
- महामारी ने जन स्वास्थ्य पर गहरा दुष्प्रभाव डाला है। खासकर लोगों की मानसिक दशा पर खासा असर पड़ा है, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम लॉन्च किया जाएगा।
- वित्त मंत्री का कहना है कि 2022-23 के भीतर 5G मोबाइल सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा
- वित्त मंत्री बोलीं- डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ा है। डिजिटल बैंकिंग का लाभ हर नुक्कड़ पर पहुँचना चाहिए। इस एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए हम अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयाँ स्थापित करेंगे।
- पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए नई योजना प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर विकास योजना की घोषणा। इसके तहत पूर्वोत्तर के सात राज्यों में विकास कार्यों को गति दी जाएगी।
- हर घर नल से 5.5 करोड़ घरों को जोड़ा जाएगा। हर घर नल जल योजना के लिए 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
कृषि के लिए घोषणा
- निर्मला ने कहा कि बेहतर खेती के लिए हम राज्य सरकार के समन्वय से व्यापक पैकेज देंगे।
- गेहूं और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य का 2.7 लाख करोड़ रुपये का सीधा भुगतान किया गया।
- नदी जल बँटवारे की पांच परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है। एक बार राज्यों के बीच सहमति बन जाने के बाद, केंद्र कार्यान्वयन के लिए उनका समर्थन करेगा।
- 44,605 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से केन-बेतवा नदियों को जोड़ने का कार्य किया जाएगा।
400 वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी
- वित्त मंत्री ने 400 नई वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। इसके साथ ही रेलवे के आधुनिकीकरण पर जोर है। 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल बनाए जाएँगे।
- वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 9.2% रहने का अनुमान है। आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी भारत की जीडीपी वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज रहने का अनुमान जताया है।
विकास के सात इंजन हैं...
- विकास के 7 इंजन हैं- पीएम गति शक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता वृद्धि, ऊर्जा संचरण, जलवायु कार्रवाई और निवेश का वित्तपोषण।
- राष्ट्रीय राजमार्ग को 25000 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा। हाइवे विस्तार पर 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा।
- निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण की शुरुआत कोविड महामारी के असर का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बार ओमिक्रॉन का असर थोड़ा कम है, लेकिन इससे भी आर्थिक गतिविधियों में थोड़ी बाधा तो ज़रूर आई है।
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पिछले साल की तरह पेपरलेस फॉर्मेट में बजट पेश कर रही हैं। यह उनका चौथा बजट है।
- केंद्रीय कैबिनेट ने बजट को मंजूरी दे दी है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23, अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ-साथ विकास में तेजी लाने के लिए किए जाने वाले सुधारों का विवरण देता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। कृषि और औद्योगिक उत्पादन में तेजी आई है। इससे हालात बेहतर होंगे।
लेकिन चिंता की बात यह है कि सरकार के तमाम दावों और सफाइयों के बावजूद वो अर्थशास्त्री सही साबित होते दिख रहे हैं जो कह रहे थे कि कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था में जो सुधार आ रहा है उसमें सबकी बराबर हिस्सेदारी नहीं है। जहां कुछ तबके तेज़ी से ऊपर जा रहे हैं वहीं कुछ आज भी नीचे ही गिरते दिख रहे हैं। लेकिन क्या यह बजट इस गैर बराबरी को दूर कर पाएगा?
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