नरेंद्र मोदी सरकार पूंजीपतियों की सरकार के ठप्पे से मुक्त होकर ख़ुद को ग़रीबों का मसीहा और उनके पैरोकार के रूप में स्थापित करने की कोशिश में है और उसने अंतरिम बजट का भरपूर इस्तेमाल किया है। अंतरिम बजट में संगठित और असंगठित क्षेत्रों के मजदूरो के लिए कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। पीयूष गोयल ने कुछ ऐसी घोषणाएँ कीं, जिन्हें सीधे इसी श्रेणी में रखा जा सकता है।
- 1.प्रधानमंत्री श्रमयोगी मनधन योजना के तहत असंठित क्षेत्र के मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।
- 2.लेकिन उन्हें इसके लिए 18 साल की उम्र से लेकर 60 साल की उम्र तक हर महीने 100 रुपये जमा कराना होगा।
- 3.गोयल का दावा है कि इससे असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कर्मचारियों को फ़ायदा होगा।
- 4.वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष से ग्रैच्युटी की सीमा को भी 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने की घोषणा की।
- 5.इस स्कीम का फायदा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे मजदूरों को मिलेगा, जिनकी मासिक आमदनी 15 हजार रुपये से कम है।
- 6.इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र में सबसे कमजोर 25 फीसदी लोगों के लिए एक फाइनैंशल सिक्यॉरिटी स्कीम की तरह मिलेगा
- 7.इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र में सबसे कमजोर 25 फीसदी लोगों के लिए एक फाइनैंशल सिक्यॉरिटी स्कीम की तरह मिलेगा।
- 8.सरकार के इस कदम से घरेलू नौकरानियों , ड्राइवरों , प्लबंर , बिजली का काम करने वाले कामगारों को फायदा हो सकता है।
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