loader

थोक महंगाई 13.11% पर; पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर क्या हालात होंगे?

पिछले महीने ही खुदरा महंगाई छह महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने की रिपोर्ट आई थी और अब थोक महंगाई बढ़ने की ख़बर आई है। यह रिपोर्ट तब आई है जब आशंका जताई जा रही है कि पेट्रोल डीजल की क़ीमतें बढ़ सकती हैं। ऐसा इसलिए कि देश में आखिरी बार इनके दाम जब 2 नवंबर को बढ़े थे तब कच्चे तेल के दाम क़रीब 85 डॉलर प्रति बैरल थे, लेकिन वही कच्चा तेल अब यूक्रेन रूस युद्ध के बाद लगातार 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर है।

इसी बीच महंगाई बढ़ने की ख़बर आई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़ों से पता चलता है कि फ़रवरी में देश भर में थोक मुद्रास्फीति यानी महंगाई बढ़कर 13.11 प्रतिशत हो गई है। 

ताज़ा ख़बरें

जनवरी के महीने में थोक मूल्य सूचकांक यानी डब्ल्यूपीआई में 12.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल दिसंबर के लिए डब्ल्यूपीआई को 13.56 प्रतिशत से संशोधित कर 14.27 प्रतिशत किया गया था। फरवरी 2021 में डब्ल्यूपीआई 4.83 फीसदी पर था। अप्रैल 2021 से शुरू होकर लगातार 11वें महीने डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दहाई अंक में बनी हुई है।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, 'फ़रवरी 2022 में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य पदार्थों और गैर-खाद्य वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।'

आँकड़ों से पता चलता है कि फ़रवरी में खाद्य पदार्थ में 8.19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इससे पहले के महीने में यह 10.33 फ़ीसदी था। आँकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में सब्जियों की कीमतों में 26.93 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि जनवरी में इसमें 38.45 फीसदी की तेज बढ़ोतरी हुई थी। 

अर्थतंत्र से और ख़बरें

आलू के दाम 14.78 फीसदी चढ़े जबकि प्याज के दाम 26.37 फीसदी लुढ़के। फलों की कीमतें भी पिछले महीने जनवरी में 12.50 प्रतिशत से घटकर 10.30 प्रतिशत हो गईं, जबकि गेहूं की कीमतें एक महीने पहले 10.40 प्रतिशत से 11.03 प्रतिशत बढ़ीं। फरवरी में अंडे, मांस और मछली की कीमतें 8.14 फीसदी बढ़ीं, जो एक महीने पहले 9.85 फीसदी थीं। अनाज पिछले महीने 5.48 फीसदी से 6.07 फीसदी बढ़ा था।  

माना जाता है कि थोक महंगाई दर बढ़ने का असर अब खुदरा महंगाई पर भी पड़ेगा। इसके अलावा यदि डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ते हैं तो यह महंगाई और भी ज़्यादा बढ़ेगी। ऐसा इसलिए कि हर चीज की ढुलाई पर इसका असर पड़ेगा और चीजें महंगी होंगी।

ख़ास ख़बरें

खुदरा महंगाई

एक महीने पहले ही यानी फ़रवरी में जारी हुए आँकड़ों के अनुसार देश में जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह दिसंबर 2021 में भी खाद्य क़ीमतों में तेज़ वृद्धि के कारण पाँच महीने के उच्च स्तर 5.59 प्रतिशत तक पहुँच गयी थी। खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के साथ ही खाद्य मुद्रास्फीति में भी बढ़ोतरी हुई थी। यह समीक्षाधीन अवधि के दौरान दिसंबर 2021 में दर्ज 4.05 प्रतिशत के मुक़ाबले 5.43 प्रतिशत हो गई थी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें