कुछ महीने बाद ही होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए अंतरिम बजट में मध्यवर्ग का ख़ास ख्याल रखा गया है। आयकर सीमा और दूसरी कई घोषणाएँ इस वर्ग को लक्ष्य में रख कर ही की गई हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। जिनकी सालाना आमदनी पाँच लाख रुपये से कम है, उन्हें आयकर से पूछी छूट मिलेगी, यानी उन्हें इनकम टैक्स नहीं चुकाना होगा। लेकिन जिनकी आमदनी इससे ज़्यादा है, उन्हें यह छूट नहीं मिलेगी। इसका मतलब यह है कि पांच लाख रुपए या इससे ज्यादा की आमदनी वालों को 2.50 लाख रुपए के बाद की रकम पर पहले से चली आ रही दर से टैक्स चुकाना होगा। उन्हें पहले की तरह ही 1.50 लाख रुपये तक की बचत पर छूट मिलेगी, यानी यह रकम उसकी आमदनी से कम कर दिया जाएगा।
- 1.इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं।
- 2.सालाना पाँच लाख रुपये से कम सालाना आमदनी वाले को आयकर नहीं चुकाना होगा। लेकिन जिनकी आमदनी इससे ज़्यादा है, उन्हें यह छूट नहीं मिलागी।
- 3.पाँच लाख रुपये तक की आमदनी को आयकर मुक्त रखने के अलावा सालाना 1.50 लाख रुपये के सालाना बचत पर मिलने वाली छूट भी शामिल कर लिया जाए तो 6.50 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कर नहीं चुकाना होगा।
- 4.स्टैंडर्ड डीडक्सशन 40,000 रुपये से बढ़ा कर 50,000 रुपये किया गया। यानी आयकर आकलन के समय 50,000 रुपये कम कर जोड़ा जाएगा।
- 5. 40,000 रुपये तक के पोस्ट ऑफ़िस बचत पर टीडीएस नहीं लगेगा।
- 6.घर भाड़ा के रूप में होने वाली 2,40,000 रुपये तक की आय पर टीडीएस नहीं।
- 7.आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग 24 घंटे के अंदर हो जाएगी। वापस पैसा भी तुरंत मिल जाएगा।
- 8.आयकर रिटर्न की जाँच ऑनलाइन होगी, रिटर्न भरने वाले और जाँच करने वाले के बीच संपर्क नहीं रहेगा ताकि किसी तरह का भ्रष्टाचार न हो सके।
- 9.घर खरीदने वाले को जीएसटी में राहत देने पर विचार। इसके अध्ययन के लिए अलग कमेटी बनेगी।
क्या कहा गोयल ने: अंतरिम बजट की मुख्य बातें समझें ग्राफिक्स में
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