वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो उद्योग को सहारा देने के लिए कई तरह की घोषणाएँ की हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने नई गाड़ियों की खरीद पर जो रोक लगा दी थी, उसे हटाया जा रहा है। इसके साथ ही बीएस-चार के तहत जिन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च, 2020 तक हो जाएगा, वे अपने पूरे समय रहेंगी यानी जितने समय के लिए वह रजिस्टर्ड हो, तब तक वह गाड़ी रखी जा सकेगी। पहले यह हुआ था कि प्रदूषण के नियमों को कड़ा कर दिया गया था और ऐसी गाड़ियों को हटाने की बात कही गई थी जो उसके मानकों को पूरा नहीं करतीं।
निर्मला सीतारमण ने यह एलान भी किया कि गाड़ियों की नई खरीद पर अतिरिक्त 15 प्रतिशत डिप्रेशिएसन मिल सकेगी, यानी कोई कंपनी गाड़ी खरीदने के बाद उसकी कीमत का 15 प्रतिशत हर साल टैक्स के रूप में बचा सकेगी। पहले से ही 15 प्रतिशत डिप्रेशिएसन है, यानी अब कुल मिला कर गाड़ियों पर 30 प्रतशित डिप्रेशिएसन हो गया। यह सुविधा 31 मार्च, 2020 तक मिल सकेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि पुरानी गाड़ियों और स्क्रैप के मामले में नई नीति बनाई जाएगी। इस नीति का मक़सद होगा ऑटो उद्योग को सहारा देना। वाणिज्य के जानकारों का कहना है कि इससे ऑटो उद्योग की समस्याओं का कोई समाधान नहीं होगा क्योंकि उनकी मुख्य समस्या गाड़ियों की बिक्री में कमी होना है। गाड़ियों की माँग कम होने का कारण आर्थिक मंदी है। सरकार ने नई गाड़ियों की खरीद पर लगी रोक तो हटा ली, पर सवाल यह है वह कितनी गाड़ियाँ खरीदती हैं। बीएस-चार के मामले में छूट देने से गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी, ऐसा लगता है। पर वह छूट एक साल से कम समय के लिए ही है।
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