सरकार के एक फ़ैसले से क़रीब छह करोड़ कर्मचारियों को झटका लगा है। पीएफ़ पर ब्याज दर घटा दी गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफ़ओ ने 2019-20 के लिए पीएफ़ पर ब्याज दर 8.50 फ़ीसदी कर दी है। यह 2018-19 के लिए 8.65 फ़ीसदी थी। इस मुद्दे पर ईपीएफ़ओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज ने गुरुवार को बैठक में यह फ़ैसला किया। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने इसकी जानकारी दी है। ब्याज दर में कटौती से उन करोड़ों नौकरी करने वाले लोगों को पीएफ़ के जमा पैसे पर अब कम ब्याज मिलेगा। यानी सीधे-सीधे कहें तो नौकरी करने वाले उन लोगों को नुक़सान होगा जिनका पीएफ़ का पैसा कटता है। सरकारी और निजी कंपनियों में काम करने वाले उन लोगों का पीएफ़ का पैसा काटा जाता है जो रेगुलर बेसिस पर इन कंपनियों में काम करते हैं। ठेके पर काम करने वाले लोगों का पीएफ़ का पैसा नहीं काटा जाता है।
ईपीएफ़ओ की ब्याज दरों में यह कटौती तब की गई है जब हाल के दिनों में तमाम बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की है। चाहे वह जमा पर दिया जाने वाला ब्याज हो या क़र्ज़ पर ग्राहकों से वसूला जाने वाला ब्याज, सभी दरों में कटौती देखने को मिली है। देश की अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर रहने से भी ऐसे हालात बने हैं। इसी बीच पहले से ही इसकी संभावना जताई जा रही थी कि ईपीएफ़ओ ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। और हुआ भी वैसा ही।
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