जनता की जेब में पैसे नहीं, सरकार माँगे 'मोर'
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक ख़बर में कहा है कि केंद्र सरकार कोरोना से लड़ने के लिए अतिरिक्त पैसे का जुगाड़ करने के लिए जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) पर अतिरिक्त ‘सेस’ लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। जीएसटी कौंसिल की अगली बैठक में यह मुद्दा उठाया जाएगा। समझा जाता है कि 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में आने वाली चीजों पर यह ‘सेस’ नहीं लगाया जाएगा, बाकी तमाम उत्पादों पर लग जाएगा।नियम क्या कहता है?
केरल सरकार ने जिस धारा 279 ‘ए’ के सेक्शन 4 ‘एफ़’ के आधार पर यह ‘सेस’ लगाया, उसमें कहा गया है कि प्राकृतिक आपदा या महाविनाश की स्थिति में अतिरिक्त राजस्व की उगाही के लिए निश्चित समय के लिए एक ‘सेस’ लगाया जा सकता है।दिलचस्प बात यह है कि अतिरिक्त राजस्व उगाही के लिए जिस तर्क का इस्तेमाल सीपीआईम की केरल सरकार ने किया था, उसी का इस्तेमाल उसकी धुर विरोधी बीजेपी की केंद्र सरकार भी करेगी।
केरल की नज़ीर
केरल ने 1 अगस्त, 2019, से सभी वस्तुओं पर 1 प्रतिशत का ‘सेस’ लगा दिया। यह उन वस्तुओं पर लगाया गया जो 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब में आते हैं।असम ने किया विरोध
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि किसी तरह के ‘सेस’ लगाने के लिए अनुकूल परिस्थिति नहीं है। उन्होंने कहा,“
‘उद्योग इस स्थिति में नहीं है कि वह किसी तरह का ‘सेस’ बर्दाश्त कर सके। लोगों का आत्मविश्वास गिरा हुआ है, पहले ही लोगों के वेतन में कटौती हुई है, छंटनी हुई है। तंबाकू उत्पाद और शराब जैसे सिन प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त सेस लगाया जा सकता है।’
हिमंत बिस्व सर्मा, वित्त मंत्री, असम
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