कोरोना वायरस संक्रमण ने देश के पूंजी बाज़ार पर भयानक कहर ढा रखा है। गुरुवार को एक दिन के कारोबार में निवेशकों को कुल मिला कर 9,15,113 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है।
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क्या है मामला?
दरअसल यह नुक़सान शेयर बाज़ार के मार्केट कैपिटलाइजेशन में हुई गिरावट से आंका गया है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि शेयर बाज़ार में कीमतें गिरने की वजह से बीएसई सेंसेक्स की सभी कंपनियों के शेयर की कुल मार्केट कैपटिलाइजेशन 1,27,98,444.93 करोड़ रुपए दर्ज किया गया।लेकिन इसके एक दिन पहले यानी बुधवार को कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 1,27,98,444.93 करोड़ रुपए था। यानी, कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में 9,15,113 करोड़ रुपए की कमी हुई। यह निवेशकों का कुल नुक़सान है।
विदेशी निवेशकों ने हाथ खींचा
इसके साथ ही विदेशी निवेशकों ने अपने निवेश का एक हिस्सा निकाल लिया। अकेले बुधवार को ही विदेशी निवेशकों ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज से 3,515.38 करोड़ रुपए निकाल लिए।कोरोना संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से महामारी घोषित किए जाने के बाद पूरी दुनिया के शेयर बाज़ार में हाहाकार मचा और शेयरों की कीमतों में लगभग लगभग 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। भारतीय शेयर बाज़ार पर भी उसका असर देखा गया।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदनशील सूचकांक सेंसेक्स दोपहर के पहले ही 2707.39 अंक टूट कर 32,990.01 अंक पर पहुँच गया। यह एक सत्र में होने वाली अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इ
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ़्टी 809.75 गिर कर 9,648.65 तक जा गिरा। दो साल में पहली बार निफ़्टी 10,000 अंक से नीचे गया है।
गुरुवार सुबह सेंसेक्स 1821 अंक नीचे गिरकर 33,876.13 पर खुला जबकि निफ़्टी 541 अंक गिरकर 9,916.55 अंक पर खुला। बीते सोमवार को भी कोरोना वायरस और यस बैंक के घटनाक्रम की वजह से सेंसेक्स 1,941 अंक और निफ़्टी 538 अंक गिर गया था। क्रेडिट रेटिंग एजेन्सी क्रिसिल ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-2021 की पहली तिमाही पर कोरोना वायरस के संक्रमण की मार पड़ेगी।
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