एशियाई विकास बैंक ने आशंका जताई है कि कोरोना संक्रमण की वजह से भारत में आर्थिक विकास की गति धीमी हो जाएगी। उसका अनुमान है कि 2020 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि की दर गिर कर 4 प्रतिशत पर आ जाएगी।
एडीबी ने एशियन डेवलपमेंट आउटलुक 2020 में यह भी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बुनियादी रूप से मजबूत है, इसलिए अगले साल भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा।
कोरोना का कहर
एडीबी ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थिति बुरी ही रहेगी और उसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से 10 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और इससे 50 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी इससे 2 हज़ार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 53 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है।
एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा ने कहा, ‘हम असाधारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कोविड-19 से लोगों के जीवन पर बुरा असर पड़ा है, व्यापार और आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं।’
एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने भारत की तारीफ़ करते हुए कहा कि बुनियादी रूप से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत आधार पर टिकी हुई है। कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने से भारतीय अर्थव्यवस्था जल्द ही पटरी पर लौट आएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने महामारी की चपेट में आई अर्थव्यस्था को ठीक करने के लिए तुरन्त कदम उठाए हैं।
एशियाई विकास बैंक ने यह भी कहा है कि अगले साल यानी 2020-21 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर बढ़ कर 6.2 प्रतिशत तक पहुँच सकती है।
इसके पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ़) ने औपचारिक तौर पर वैश्विक मंदी का एलान कर दिया। इसकी तात्कालिक वजह कोरोना बताई गई है।
आईएमएफ़ प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने साफ़ शब्दों कह दिया है कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में प्रवेश कर चुकी है। इससे उबरने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर निवेश की ज़रूरत होगी। मंदी से निकलने में समय लगेगा।
अपनी राय बतायें