सच बोलने की सजा चेन्नई के एक
यूट्यूबर को इस तरह मिली कि आप न सिर्फ डर जाएंगे, घिन से भर उठेंगे। तमिलनाडु के
यूट्यूबर और
बेबाक पत्रकार सावुक्कू शंकर के घर पर मानव मल और बाकी गंदगी फेंक कर उन्हें डराने
की कोशिश की गई। उन्हें धमकाया गया। घर पर
अकेली उनकी बुजुर्ग मां के साथ बदसुलूकी की गई।
जानकारियों
के मुताबिक सोमवार सुबह अचानक करीब 20 से ज्यादा लोग, जिनमें
कुछ सफाईकर्मियों के भेष में थे, सावुक्कू शंकर के चेन्नई के
पास किलपॉक इलाके वाले घर में घुस गए। उस वक्त घर में उनकी 70 साल की मां कमला
अकेली थीं। हमलावरों ने दरवाजा तोड़ा, घर
में तोड़फोड़ की और सीवर का गंदा पानी, कीचड़, मानव
मल तक अंदर फेंक दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने
उनकी मां को धमकी दी कि ‘इस बार छोड़ दिया, अगली
बार घर में आग लगा देंगे!’
ताजा ख़बरें
कमला
कुछ समझ पातीं, इससे पहले हमलावरों ने उनका
फोन छीन लिया और शंकर को वीडियो कॉल कर धमकाया। इसके बाद वो घर के बाहर प्रदर्शन
करते रहे। शंकर की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। शंकर ने इस हमले का CCTV फुटेज सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें
साफ दिख रहा है कि बदमाश घर में गंदगी फैला रहे हैं।
क्यों हो रहा तमिलनाडु के कद्दावर माने जाने वाले पत्रकार सावुक्कू शंकर के साथ ऐसा? इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत होती है सीवर ट्रकों की खरीद में हुए भ्रष्टाचार के एक मामले से। हाल ही में सावुक्कू शंकर ने अपने यूट्यूब चैनल ‘सावुक्कू मीडिया’ पर सीवर ट्रकों की खरीद में हुए कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। उनका दावा था कि इसमें बड़े नेताओं और अधिकारियों का हाथ है। इसके अलावा, उन्होंने एक सीनियर कांग्रेस नेता पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
शंकर
का मानना है कि ये हमला इसी वजह से हुआ। उन्होंने चेन्नई पुलिस कमिश्नर ए. अरुण पर
सीधा आरोप लगाया कि ये सब उनके इशारे पर हुआ। शंकर ने कहा, ‘मैंने सिर्फ गाड़ियों की
खरीद में भ्रष्टाचार की बात की थी, सफाईकर्मियों के खिलाफ कुछ नहीं कहा।’
उनका कहना है कि पुलिस को सूचना देने के बाद भी सिर्फ एक सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल आए, और हमलावर घंटों तक वहां डटे रहे। गौरतलब है कि शंकर अपने बेबाक बयानों और खुलासों के लिए मशहूर हैं। वे राज्य के भ्रष्टाचार विरोधी दस्ते में रह चुके हैं। वे दरअसल तमिलनाडु के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में काम करते थे। 2008 में उन्होंने एक टेप लीक किया, जिसमें दो बड़े अधिकारियों की भ्रष्टाचार की बातचीत थी। ये मामला तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता से जुड़ा था। इसके बाद उन्हे काफी जिल्लतों का सामना करना पड़ा था।
उन्हें
गिरफ्तार किया गया, हिरासत में कथित तौर पर थर्ड
डिग्री टॉर्चर झेलना पड़ा। जमानत पर छूटने के बाद उन्होंने 2010 में ‘सावुक्कू’ वेबसाइट शुरू की, जिसे तमिलनाडु का विकीलीक्स
कहा जाता है। इस वेबसाइट ने ही 2G घोटाले के टेप लीक किए। साथ
ही जयललिता के बरी होने में गड़बड़ियों का खुलासा भी किया था। उनके यूट्यूब चैनल
के 5 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर
हैं।
यहाँ इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि इन खुलासों की कीमत उन्हें लगातार चुकानी पड़ी। 2014 में उनकी वेबसाइट ब्लॉक हुई, 2022 में हाईकोर्ट ने उन्हें 6 महीने की सजा सुनाई। इसके बाद भी सावुक्कू रुके नहीं।
इस
हमले के बाद पुलिस पर सवाल उठे तो तमिलनाडु सरकार ने मामले को क्राइम
ब्रांच-क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट यानी CB-CID को सौंप दिया। शंकर का कहना
है कि वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
देश से और खबरें
हालांकि कई नेताओं और कांग्रेस सांसद कार्ति
चिदंबरम ने इस हमले की निंदा की है। पिछले कुछ दिनों में यह दूसरा मामला है जब
लगातार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में दिख रही है। इससे पहले कॉमेडियन कुणाल
कामरा के बयान पर शिवसेना शिंदे ग्रुप के उपद्रव से देश भर में सियासी माहौल
गरमाया हुआ है।
रिपोर्टः कृति सिंह भदौरिया/अणुशक्ति सिंह
अपनी राय बतायें