भारत में बीते कुछ सालों में यू ट्यूब एक जबरदस्त बिजनेस बन गया है। जानकारों के मुताबिक़, कई लोगों ने 5-5 यू ट्यूब चैनल बना रखे हैं। हालत ये हो गई है कि आटा गूंथने से लेकर मैगी बनाने तक और दांत साफ करने से लेकर कान कैसे साफ करें तक के विषय पर सैकड़ों वीडियो यू ट्यूब पर उपलब्ध हैं। कई वीडियोज़ के व्यूज लाखों में हैं।
हालांकि इससे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि इन पर कोई ऐसा कंटेंट नहीं है, जिससे नफरत फैलती हो।
सनसनीखेज और भड़काऊ थमनेल
इसके दूसरी ओर, हिंदू-मुसलमान, भारत-पाकिस्तान पर वीडियो वाले यू ट्यूब चैनलों की बाढ़ आ गई है। ऐसे लोग भारत और पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर होने वाली डिबेट का कुछ हिस्सा लेकर, इसका सनसनीखेज और भड़काऊ थमनेल बनाते हैं और वीडियो अपलोड कर देते हैं। जिस तरह का नफ़रत का माहौल दोनों मुल्क़ों के बीच इस ताज़ा दौर में है, उसमें इन वीडियो को अच्छे-खासे व्यूज मिल जाते हैं और ऐसे यू ट्यूबर्स की मुफ़्त में बढ़िया कमाई हो रही है।
फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत ऐसे यू ट्यूबर्स के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हुई। यू ट्यूब पर सुशांत की मौत को हत्या बताने वाले और रिया का दोषी ठहराने वाले वीडियोज़ की बाढ़ आ गई और ऐसा करने वाले लोगों ने जमकर पैसे कमाए।
पैसे-सब्सक्राइबर बटोरे
लॉकडाउन के बाद भारत में बेरोज़गारी बढ़ी है। ऐसे में कुछ लोगों को ज़रूरत के लिए और कुछ को ज़्यादा पैसा कमाने के लिए यह बेहद आसान तरीक़ा लगा कि यू ट्यूब पर कुछ भी वीडियो बना दो लेकिन थमनेल अगर भड़काऊ होगा तो व्यूज़ मिलेंगे और उससे पैसे आएंगे। ऐसे ही कई लोगों ने सुशांत की मौत मामले में रिया को दोषी ठहराकर, ठाकरे सरकार और मुंबई पुलिस को अनाप-शनाप बककर पैसे के साथ ही ख़ूब सब्सक्राइबर भी बटोर लिए। लेकिन ऐसा नहीं है कि आप पकड़ में नहीं आ सकते।
यू ट्यूब ओपन प्लेटफ़ॉर्म है। अगर आप भड़काऊ थमनेल लगाकर व्यूज़ बटोरेंगे तो पैसे कमाने के उलट गर्दन फंसने का भी ख़तरा है। एक यू ट्यूबर इसी वजह से बुरा फंस गया है।
यू ट्यूबर का नाम है राशिद सिद्दीक़ी। एफ़एफ़ न्यूज़ नाम से यू ट्यूब चैनल चलाने वाले राशिद बिहार के रहने वाले हैं। मुंबई पुलिस को जांच में पता चला है कि 25 साल के राशिद ने सुशांत मामले में फर्जी स्टोरियां गढ़कर चार महीने में 15 लाख रुपये कमा लिए। जबकि राशिद सिविल इंजीनियर भी हैं। लेकिन जल्दी और ज़्यादा पैसा कमाने की चाहत ने उनको मुसीबत के दलदल में धकेल दिया है।
मुंबई में मुक़दमा दर्ज
राशिद के वीडियोज़ जब यू ट्यूब पर व्यूज़ बटोरने लगे तो शिव सेना की नज़र में भी आए। शिव सेना की लीगल सेल के एडवोकेट धर्मेंद्र मिश्रा ने राशिद के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करा दिया। मुंबई पुलिस ने मानहानि, सार्वजनिक दुर्व्यवहार और जानबूझकर अपमान करने के तहत लगने वाली धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर लिया। राशिद अदालत भागे तो उन्हें जमानत तो मिल गई लेकिन उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे जांच में सहयोग करें।
राशिद ने अपने वीडियो मुंबई पुलिस, महाराष्ट्र सरकार, उद्धव ठाकरे के बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे और सिने अभिनेता अक्षय कुमार पर बनाए थे और इन लोगों पर सुशांत की मौत मामले में बेहद गंभीर आरोप लगाए थे। सुशांत की मौत मामले से पहले राशिद के 2 लाख सब्सक्राइबर थे जो अब 3.70 लाख हो चुके हैं।
राशिद की मुसीबतें यहीं ख़त्म नहीं हुईं हैं क्योंकि अक्षय कुमार ने उन पर 500 करोड़ का मानहानि का मुक़दमा कर दिया है। राशिद ने दावा किया था कि सुशांत की मौत के बाद अक्षय ने रिया चक्रवर्ती को बचकर कनाडा निकलने में मदद की थी।
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने इससे पहले दिल्ली के वकील विभोर आनंद को सुशांत की मौत मामले में भड़काऊ वीडियो डालने और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को गालियां देने के चलते गिरफ़्तार किया था। लेकिन उसके बाद भी राशिद ने सबक नहीं लिया।
राशिद ने सुशांत की मौत के बाद जबरदस्त कमाई की है। महीने में 296 रुपये कमाने वाले राशिद ने 6.5 लाख रुपये से ज़्यादा एक महीने में कमाए।
‘मुंबई पुलिस को बदनाम किया’
मिड डे के मुताबिक़, एक सीनियर आईपीएस अफ़सर ने कहा, ‘सुशांत की मौत ऐसे लोगों के लिए पैसा कमाने का मौक़ा बनकर आई क्योंकि लोग इस मामले के बारे में जानना चाहते थे। यू ट्यूबर्स ने इस मौक़े को लपक लिया और फर्जी ख़बरें डालनी शुरू कर दीं। ऐसा करके इन्होंने मुंबई पुलिस को बदनाम किया और लॉकडाउन के दौरान पैसे कमाए।’ जब पुलिस का एक सीनियर अफ़सर इस बात को कह रहा है तो समझना होगा कि यह मामला कितना गंभीर है।
ध्यान दे यू ट्यूब
इस दिशा में यू ट्यूब को भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि नफ़रती कॉन्टेन्ट के अलावा न्यूडिटी, पोर्न वीडियोज़ की भी इस प्लेटफ़ॉर्म पर भरमार है। लॉकडाउन के कारण बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस हो रही हैं। ऐसे में किसी भी पैरेंट्स के लिए यह संभव नहीं है कि वे 24 घंटे बच्चे पर नज़र रख सकें।
छोटे बच्चों को नहीं पता होता कि क्या सही और क्या ग़लत है। हालांकि यू ट्यूब वीडियो अपलोड करने से पहले पूछता है कि यह कॉन्टेन्ट क्या बच्चों के लिए है या 18 साल से ऊपर वालों के लिए है। लेकिन इस प्लेटफ़ॉर्म को और ज़्यादा सख़्त नियम बनाने होंगे जिससे फर्जी यू ट्यूबर्स की बढ़ती भीड़ को रोक जा सके या इनकी लगाम कसी जा सके।
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