प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने यंग इंडियन लिमिटेड के कार्यालय को सील कर दिया है। इसके साथ ही इसने निर्देश दिया है कि एजेंसी की पूर्व अनुमति के बिना परिसर नहीं खोला जाए। इधर, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। कांग्रेस कार्यालय के रास्ते में भी बैरिकेडिंग की गई है।
यंग इंडियन लिमिटेड के कार्यालय पर यह कार्रवाई तब की गई है जब एक दिन पहले ही ईडी ने मंगलवार को दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस सहित कई स्थानों पर तलाशी ली थी। पिछले हफ्ते ही सोनिया गांधी से ईडी ने तीन दिन में क़रीब 12 घंटे पूछताछ की थी। इससे पहले पिछले महीने ही केंद्रीय एजेंसी राहुल गांधी से कई दिनों तक घंटों पूछताछ कर चुकी है।
ईडी की यह कार्रवाई नेशनल हेराल्ड मामले में हो रही है। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड यानी एजेएल का 90.25 करोड़ का कर्ज अपने नाम ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद एजेएल के 90 फ़ीसदी शेयर भी यंग इंडिया के नाम ट्रांसफर हो गए।
एजेएल की बड़ी संपत्ति भी है। अब आरोप इस बात को लेकर है कि यंग इंडिया कम्पनी एजेएल की प्रॉपर्टी को हड़पना चाहती है। सुब्रह्मण्यम स्वामी का केस हाईकोर्ट में लम्बित है लेकिन ईडी की पूछताछ यंग इंडिया में पैसे के लेनदेन को लेकर की जा रही है।
Delhi Police blocking the road to AICC Headquarters has become a norm rather than an exception! Why have they just done so is mysterious… pic.twitter.com/UrZCNigNHy
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 3, 2022
बता दें कि सोनिया गांधी पिछले महीने तीन बार ईडी के सामने पेश हुई थीं। सूत्रों के हवाले से ख़बरें आई थीं कि सोनिया से तीन दिनों में 12 घंटे में 100 से अधिक सवाल पूछे गए थे। ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में भी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था।
इससे पहले जून में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी ईडी ने पांच दिनों में क़रीब 50 घंटे तक पूछताछ की थी। कुछ रिपोर्टों के अनुसार उनसे लगभग 150 सवाल पूछे गए थे। कांग्रेस ने तब भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था।
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