भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख पीटी उषा ने कुश्ती महासंघ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीड़न को लेकर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की है। पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, रवि दहिया और दीपक पुनिया बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने मामले में तत्काल कार्रवाई करने के लिए पीटी उषा को भी लिखा है।
पीटी उषा ने दिल्ली में सार्वजनिक विरोध पर बैठने का फ़ैसला करने से पहले पहलवानों की एक समिति की रिपोर्ट का इंतजार नहीं करने के लिए आलोचना की। उन्होंने कहा कि विरोध अनुशासनहीनता के बराबर है और इससे देश की छवि ख़राब हो रही है। पीटी उषा के इस बयान पर बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने आश्चर्य व्यक्त किया।
बजरंग पुनिया ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा, 'हम पीटी उषा मैम से यह उम्मीद नहीं कर रहे थे। हमने सोचा था कि वह अपने साथी एथलीटों के साथ खड़ी होंगी। वह खुद एक महिला हैं, इसलिए हमें उम्मीद थी कि वह हमारे साथ खड़ी रहेंगी। मैं उनकी बातों से आहत हूं।'
उन्होंने आगे कहा, 'हाल ही में वह ट्वीट कर रही थीं कि कुछ लोग उनकी अकादमी (बालुसेरी, केरल में उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स) की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे और वहां गुंडागर्दी कर रहे थे। उस समय देश की छवि ख़राब तो नहीं हो रही थी? वह भी एक अंतरराष्ट्रीय एथलीट से जुड़ा मामला था। अकादमी की घटना के बारे में सुनकर हमें भी दुख हुआ। वह इतनी बड़ी एथलीट हैं, और अब राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन तब भी उनके साथ ऐसा हो रहा था। अगर एक सांसद के साथ ऐसा हो सकता है तो हम साधारण खिलाड़ी हैं। हमारे पास क्या शक्ति है? हमारे साथ कुछ भी हो सकता है, उन्हें इसके बारे में सोचना चाहिए था।'
विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश ने आरोप लगाया कि किसी भी पहलवान को पीटी उषा की ओर से उनका हालचाल पूछने के लिए एक भी संदेश या फोन कॉल नहीं आया।
उन्होंने यह भी कहा, 'हम सड़क पर नहीं हैं। हम अपने देश की जमीन पर हैं। ये हमारा अधिकार है। एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक होने के नाते विरोध करना हमारा अधिकार है। जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हम यहीं रहेंगे।'
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, 'पीटी उषा की टिप्पणी से हम आहत महसूस कर रहे हैं। वह खुद एक महिला होने के बावजूद हमारा समर्थन नहीं कर रही हैं। हमने क्या अनुशासनहीनता की है? हम यहां शांति से बैठे हैं। अगर हमें न्याय मिलता तो हम ऐसा नहीं करते।'
बता दें कि पीटी उषा ने कहा था, 'खिलाड़ियों को सड़कों पर विरोध नहीं करना चाहिए था। उन्हें कम से कम समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने जो किया है वह खेल और देश के लिए अच्छा नहीं है। यह एक नकारात्मक दृष्टिकोण है।'
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय कुश्ती महासंघ और उसके प्रमुख के खिलाफ आरोपों को देखने के लिए समिति का गठन किया था। समिति ने रिपोर्ट को 5 अप्रैल को दिया था। लेकिन मंत्रालय ने अभी तक छह सदस्यीय समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है।
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