देश के नामी पहलवानों की लिखित शिकायत और नाराजगी के बावजूद दिल्ली पुलिस बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। दूसरी तरफ उसने अपनी सीमा का अतिक्रमण करते हुए केंद्रीय खेल मंत्रालय के जांच पैनल की उस रिपोर्ट को मांगा है, जिसे मंत्रालय और उस पैनल ने ही सार्वजनिक नहीं किया है। दिल्ली ही नहीं बाकी राज्यों में पुलिस का हाल तो यह है कि वो मामूली शिकायत पर विपक्ष के नेताओं के खिलाफ फौरन एफआईआर कर लेती है लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं, सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ गंभीर शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज कर लेती है।
पीटीआई और एएनआई की एक खबर में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभी तक भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ सात शिकायतें मिली हैं और उन सभी की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुख्ता सबूत सामने आने के बाद ही एफआईआर दर्ज की जायेगी।
उन्होंने कहा, 'जांच के तहत हमने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है।'
भारतीय कुश्ती महासंघ के विवादास्पद अध्यक्ष और बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह
सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाले निरीक्षण पैनल के निष्कर्षों को सरकार से सार्वजनिक करने की मांग को लेकर कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पहलवान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा नेता और आपराधिक इतिहास वाले बाहुबली ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए महान मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति की घोषणा की थी। दिल्ली पुलिस उसी समिति की रिपोर्ट को मांग रही है, जबकि यह उसकी सीमा में नहीं आता। उसे अपनी जांच करना चाहिए लेकिन वो उस समिति की रिपोर्ट मांग रही है, जिसने खुद अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है।
इस बीच, दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने सोमवार को पूछा कि भारत के शीर्ष पहलवानों का "अपमान" क्यों किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मुद्दे पर अपना विरोध फिर से शुरू कर दिया। बता दें कि महिला पहलवानो ने रविवार की रात जंतर-मंतर पर अंधेरे और मच्छरों के बीच फुटपाथ पर बिताई।
मालीवाल ने ट्वीट में कहा - जिन्होंने विदेशी धरती पर तिरंगे की शान बढ़ाई, आज उनका ऐसा अपमान क्यों हो रहा है?" मालीवाल ने पहलवान विनेश फोगट द्वारा पोस्ट की गई एक तस्वीर को भी रीट्वीट किया, जिसमें कहा गया था कि प्रदर्शनकारी विरोध स्थल पर फुटपाथ पर सोए थे।
इस बीच पहलवानों की मुहिम को राजनीतिक समर्थन मिलना शुरू हो गया है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि यही है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ। जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी ट्वीट कर नाराज महिला पहलवानों के आंदोलन का समर्थन किया है।
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