प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 अगस्त 2022 को लालकिले की प्राचीर से दिया गया भाषण प्रमुख रूप से विकसित भारत, भ्रष्टाचार पर चोट और महिलाओं को सम्मान देने पर केंद्रित रहा। प्रधानमंत्री ने तमाम जन सरोकार के मुद्दों पर बात तक नहीं की। बेरोजगारी और गरीबी के समाधान की बात गायब थी। किसी नई योजना के शुरू करने का कोई जिक्र नहीं। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अग्निपथ तक जिक्र नहीं, जिसकी प्रधानमंत्री आसानी से तारीफ कर सकते थे।
प्रधानमंत्री के भाषण का आलोचनात्मक विश्लेषण जरूरी है। क्योंकि जनता अपनी कसौटी पर देश के प्रधानमंत्री की बातों को कसौटी पर कसती है। महिलाओं को सम्मान देने की बात जब प्रधानमंत्री कह रहे थे तो शायद वो अपने पिछले बयान भूल गए। 2004 में मोदी ने आडवाणी की भारत उदय यात्रा के दौरान अपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इटली की गुड़िया, जर्सी गाय और उनके बेटे राहुल गांधी को हाइब्रिड बछड़ा कहा था। इस पर विवाद हुआ तो आडवाणी सहित तमाम बड़े नेताओं के समझाने पर मोदी ने इस बयान पर माफी मांग ली।
मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं बने थे और यह 2013 की बात है। उस समय वो कांग्रेस नेताओं पर जबरदस्त हमले कर रहे थे। उनके निशाने पर उस समय कांग्रेस सांसद शशि थरूर आ गए थे। उसी दौरान शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर से विवाह किया था। मोदी ने 2013 की एक रैली में शब्द कहे थे - 50 करोड़ की गर्ल फ्रेंड। बाद में मोदी ने कई रैलियों में 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड जुमले का इस्तेमाल किया था। मोदी ने सुनंदा पुष्कर का नाम लिए बिना सवाल किया था कि उस महिला के खाते में 50 करोड़ रुपये कहां से आए थे। हालांकि मोदी ने इस कहानी का पूरा बैकग्राउंड जनता को नहीं बताया था। कुछ वर्षों बाद सुनंदा पुष्कर की मौत हो गई थी। जिसका केस अभी भी चल रहा है। दिल्ली पुलिस थरूर का बयान ले चुकी है।
MP @RajBabbarMP addressed Modi's mother as 'Poojaniya Mata ji' and Modi addressed @RahulGandhi's mother as 'Congress ki Vidhwa'.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) December 9, 2018
This is the difference between the cultures that Congress & RSS represent.
PM Modi is sick! The Debate Ends Here! pic.twitter.com/wLde9c9B8z
फरवरी 2018 में पीएम मोदी ने राज्यसभा में तत्कालीन सांसद रेणुका चौधरी की हंसी का मजाक बनाया था। दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक मोदी ने कहा था - सभापति जी, रेणुका जी को कुछ न कहें, क्योंकि रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का सौभाग्य आज मिला है। बता दें कि इस विवाद ने तूल पकड़ा था। क्योंकि रमायण सीरियल में रावण और शूर्पणखा की हंसी चर्चा में रही थी। इस मुद्दे पर तमाम ट्वीट्स बताते हैं कि रेणुका चौधरी पीएम मोदी के इस बयान से काफी आहत हुई थीं।
हालांकि कांग्रेस नेता भी कम नहीं है। उन्होंने मोदी की पत्नी जशोदा बेन को त्यागने, चुनाव के दौरान उनका नाम एफिडेविट में पहले न डालने और बाद में डालने पर पीएम मोदी पर काफी कटाक्ष किए। कांग्रेस ने मोदी की मां को लेकर भी तंज कसे। जिसमें यह भी शामिल है कि नोटबंदी के दौरान मोदी की मां जब लाइन में लगकर पैसा निकालने पहुंचीं या मोदी जब अपनी मां से मिलने कैमरामैन लेकर जाते हैं।
15 अगस्त 2022 को जब पीएम मोदी ने महिला सम्मान की बात की तो सोशल मीडिया पर लोग चुटकी लेने से नहीं चूके। लोगों ने सोनिया गांधी और सुनंदा पुष्कर पर उनके पुराने भाषणों की याद दिलाकर सवाल पूछे। कुछ लोगों ने जशोदा बेन की खैर खबर लेने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने करप्शन और परिवारवाद पर भी हमला बोला है। लोगों ने सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल पूछे हैं। लोगों ने कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस यदियुरप्पा के सांसद बेटे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के विधायक बेटे, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के सांसद बेटे, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के पूर्व सांसद बेटे, प्रमोद महाजन की सांसद बेटी, वेद प्रकाश गोयल के बेटे पीयूष गोयल (केंद्रीय मंत्री), हिमाचल के पूर्व सीएम पी के धुम्मल के मंत्री बेटों पर सवाल करते हुए बीजेपी के परिवारवाद पर हमला बोला है। वरिष्ठ पत्रकार रणविजय सिंह ने ट्विटर पर टिप्पणी की है - मोदी जी परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते हैं। मोदी जी को तत्काल अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में एक कमिटी बनानी चाहिए। देश पर ज्यादा बोझ न पड़े इसलिए कमिटी का खर्च BCCI से लेना चाहिए। उधर बहुत पैसा है।
BJP and its Dynasty Politics
— Anshuman Sail (@AnshumanSail) August 15, 2022
BS Yeddy's son is MP, Rajnath Singh's son is MLA, Vasundhara Raje's son is MP, Raman Singh's son is Ex MP, Pramod Mahajan's daughter is MP.
Ved Prakash Goyal's son Piyush Goyal is minister, PK Dhumal's son is minister. Do these count in dynasty?
मोदी जी परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते हैं.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) August 15, 2022
मोदी जी को तत्काल अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में एक कमिटी बनानी चाहिए.
देश पर ज्यादा बोझ न पड़े इसलिए कमिटी का खर्च BCCI से लेना चाहिए. उधर बहुत पैसा है.
लोगों ने पीएम केयर्स फंड को लेकर सवाल पूछे हैं। लोगों ने ब्लैकमनी बाहर से लाने के वादे को फिर से याद दिलाया है। इस संदर्भ में हाल ही में बीजेपी सांसद वरुण गांधी का ट्वीट अपने आप में सच्चाई बता देता है। वरुण गांधी लिखते हैं - जो सदन गरीब को 5 किलो राशन दिए जाने पर ‘धन्यवाद’ की आकांक्षा रखता है। वही सदन बताता है कि 5 वर्षों में भ्रष्ट धनपशुओं का 10 लाख करोड़ तक का लोन माफ हुआ है। ‘मुफ्त की रेवड़ी’ लेने वालों में मेहुल चोकसी और ऋषि अग्रवाल का नाम शीर्ष पर है। सरकारी खजाने पर आखिर पहला हक किसका है?
जो सदन गरीब को 5 किलो राशन दिए जाने पर ‘धन्यवाद’ की आकांक्षा रखता है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 6, 2022
वही सदन बताता है कि 5 वर्षों में भ्रष्ट धनपशुओं का 10 लाख करोड़ तक का लोन माफ हुआ है।
‘मुफ्त की रेवड़ी’ लेने वालों में मेहुल चोकसी और ऋषि अग्रवाल का नाम शीर्ष पर है।
सरकारी खजाने पर आखिर पहला हक किसका है? pic.twitter.com/Hw01qMH9FV
बता दें कि मेहुल चोकसी देश का करोड़ों रुपया मारकर अपने रिश्तेदार नीरव मोदी के साथ फरार हो चुका है। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी इसी सरकार के समय में भागे हैं। मेहुल चोकसी के संबंध में पीएम मोदी का एक वीडियो अक्सर वायरल होता रहता है, जिसमें एक कार्यक्रम में चोकसी बैठा हुआ है और पीएम कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री इससे पहले 15 अगस्त के अपने भाषणों में देश से बेरोजगारी और गरीबी मिटाने का संकल्प लेते रहे हैं। उसकी भयावहता बताते रहे हैं। उसके लिए पिछली कांग्रेस सरकारों को दोष देते रहे हैं। लेकिन इस बार बेरोजगारी और गरीबी से उनके सरोकार गायब थे। प्रधानमंत्री इससे पहले गरीबों के लिए कई योजनाओं की घोषणा भी करते रहे हैं। लेकिन इस बार उसकी जगह पांच प्रण ने ले ली है, जिसके जरिए 2047 तक भारत की तरक्की का खाका खींचा गया है। बेरोजगार युवकों को रोजगार देने के लिए सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी अग्निपथ प्रोजेक्ट का जिक्र भी गायब था। जबकि सरकार इस योजना का जबरदस्त प्रचार कर रही है।
कुल मिलाकर प्रधानमंत्री का 15 अगस्त का भाषण देशवासियों में नई उम्मीदों, नई उमंगों को जगा पाने में नाकाम रहा।
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