वायु सेना प्रमुख वी आर चौधरी ने खुलासा किया कि है भारतीय वायुसेना अगले साल से महिला अग्निवीरों को शामिल करने की भी योजना बना रही है। इसके लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण चल रहा है और सारी प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
महिला अग्निवीरों के लिए हाल ही में आवेदन मांगे गए थे, जिसमें 7 सितम्बर तक अप्लाई करना था। जिन लड़कियों ने महिला अग्निवीर के लिए आवेदन किया है, उनके एडमिट कार्ड 12-13 अक्टूबर तक आएंगे। इसमें आवेदन करने वाली लड़कियों की उम्र 17 से 23 साल रखी गई है।
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जो लड़कियां पहले वाले अवसर पर अप्लाई करने से चूक गई हैं, वे वेबसाइट Joinindianarmy.nic.in पर नजर रखें। वायुसेना जल्द ही और भी महिला वैकेंसी की घोषणा कर सकती है।एयर चीफ ने शनिवार 8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस परेड पर ये बातें कहीं। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि इस वर्ष की वर्षगांठ समारोह की थीम - IAF: ट्रांसफॉर्मिंग फॉर द फ्यूचर", बहुत उपयुक्त है और भारतीय वायु सेना को भविष्य के लिए तैयार बल में बदलने के लिए इसमें जरूरत पर ध्यान दिया गया है।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि अग्निपथ योजना के जरिए अग्निवीरों को भारतीय वायुसेना में शामिल करना एक चुनौती है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह भारत के युवाओं की क्षमता का दोहन करने और इसे राष्ट्र की सेवा में लगाने का अवसर है। हमने इसी वजह से अपने ट्रेनिंग सिस्टम को बदल दिया है कि हर अग्निवीर वायु सेना में अपना करियर शुरू करने के लिए सही कौशल और ज्ञान से लैस है। इस साल दिसंबर में, हम 3000 अग्निवीर एयर को उनकी शुरुआती ट्रेनिंग के लिए शामिल करेंगे। आने वाले वर्षों में यह संख्या बढ़ेगी और स्टॉफ की कमी नहीं रहेगी।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि सीमाओं पर निरंतर तैनाती, मानवीय और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान या संघर्ष क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए, भारतीय वायुसेना ने निर्धारित भूमिकाओं को हमेशा निभाया है।
इंडियन एयरफोर्स (IAF) के लिए सरकार ने एक नए वेपन सिस्टम (नई हथियार प्रणाली शाखा) को मंजूरी दी है जो वायु सेना में कई हथियार प्रणालियों के लिए जिम्मेदार होगी। जनरल वीआर चौधरी ने शनिवार को वायुसेना दिवस पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इससे 3400 करोड़ रुपये की बचत होगी।
वायु सेना दिवस परेड में उन्होंने बताया कि आजादी के बाद यह पहली बार है कि एक नई ऑपरेटिव शाखा बनाई गई है।
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जनरल चौधरी ने इस सिस्टम में जानकारी देते हुए कहा कि यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, रिमोट से पायलटेड एयरक्राफ्ट और वेपन सिस्टम ऑपरेटरों के संचालन के लिए होगा। इस शाखा के बनने से फ्लाइट ट्रेनिंग पर खर्च कम होने से 3400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।
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