विवादों के केंद्र में लंबे समय तक रहने के बाद केंद्रीय जाँच ब्यूरो के नये निदेशक का फ़ैसला गुरुवार को हो जाएगा। प्रधानमंत्री के आवास पर होने वाली चयन समिति की बैठक में 12 वरिष्ठ अफ़सरों के नाम पर विचार किया जायगा। इस बैठक में नरेंद्र मोदी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भी होंगे।
आलोक वर्मा को 2-1 के निर्णय के बाद सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने से यह जगह खाली हुई है। जिन 12 पुलिस अफ़सरों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे सभी 1982-85 बैच के हैं। उनकी वरिष्ठता और ईमानदारी के अलावा भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जाँच के उनके ट्रैक रिकॉर्ड को भी केंद्र में रख कर विचार विमर्श किया जाएगा। एनआईए के महानिदेशक वाई.सी. मोदी, मुंबई पुलिस कमिश्नर सुबोध जायसवाल और गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा के नाम पर चर्चा होगी। इसके अलावा सीबीआई निदेशक की दौड़ में बीएसएफ़ महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा और सीआईएसएफ़ महानिदेशक राजेश रंजन भी शामिल हैं।
झा 2021 में रिटायर हो जाएँगे। पर्यवेक्षकों का कहना है कि उनके रिटायर होने के बाद सरकार राकेश अस्थाना को एक बार फिर इस पद पर लाने की कोशिश कर सकती है। लेकिन वाई. सी. मोदी को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि वे सीबीआई में लंबे समय तक काम कर चुके हैं और गुजरात दंगोें की जाँच के लिए बनी विशेष टीम में थे। इसके आलावा वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नज़दीक समझे जाते हैं।
आरके मिश्रा की भी दावेदारी मजबूत मानी जाती है क्योंकि वह प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव निपेंदर मिश्रा के नज़दीक समझे जाते हैं।
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