यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में दंगा फसाद न होने पर अपनी पीठ ठोंकी। उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन यूपी में 800 स्थानों पर शोभा यात्रा निकली लेकिन कहीं कोई दंगा फसाद नहीं हुआ। इस समय रमज़ान का महीना भी चल रहा है लेकिन कहीं कोई तू-तू मैं-मैं तक नहीं हुई। दंगा फसाद तो दूर की बात है। योगी के इस बयान के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि दरअसल, ये मुसलमानों को एक चेतावनी है। कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने उन राज्यों का मजाक उड़ाया है, जहां रामनवमी पर हिंसा हुई। इसमें मध्य प्रदेश भी है, जहां बुलडोजर बाबा (योगी) की नकल बुलडोजर मामा (शिवराज सिंह चौहान) के रूप में की गई और उसे जमकर प्रचारित किया जा रहा है।
योगी के इस बयान से पहले गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, एमपी और झारखंड से साम्प्रदायिक हिंसा की खबरें आ चुकी थीं। इन राज्यों में मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों को तोड़े जाने और उन पर भगवा झंडा फहराने की खबरें सामने आई थीं।
योगी के इस बयान से वो खबरें नहीं दब सकतीं, जिन घटनाओं में समुदाय विशेष को टारगेट किया गया। योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सीतापुर जिले में एक मस्जिद के बाहर नवरात्र उत्सव की शुरुआत में एक हिंदू पुजारी की अभद्र भाषा के खिलाफ योगी सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल खड़े हो गए हैं। पुजारी बजरंग मुनि ने कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं के अपहरण और बलात्कार की धमकी दी थी। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया है।
यहां दंगा-फसाद के लिए कोई जगह नहीं है... pic.twitter.com/LWkPZznsVx
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 12, 2022
This is from Khairabad, Sitapur, UP. (April 2 )
— Noor Mahvish (@TheNoorMahvish) April 12, 2022
A Hindu extremist named Bajrang Muni addressed a mob in front of a mosque, and openly threatened to kidnap Muslim women and rape them.#IndianMuslimGenocideAlertpic.twitter.com/g0h5ZHvhrL
उस पुजारी ने कहा कि अगर किसी मुस्लिम ने इलाके में किसी लड़की को परेशान किया, तो वह मुस्लिम महिलाओं का अपहरण कर लेगा और सार्वजनिक रूप से उनका बलात्कार करेगा।
बजरंग मुनि के इस विवादास्पद बयान के खिलाफ खैराबाद की मुस्लिम महिलाओं ने अगले दिन सड़कों पर प्रदर्शन किया और बजरंग मुनि को गिरफ्तार करने की मांग की। देश की मीडिया ने मुस्लिम महिलाओं के प्रदर्शन को महत्व ही नहीं दिया। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी इस जन प्रदर्शन पर कोई तवज्जो नहीं दी। बहुत स्पष्ट है कि सरकार और पुलिस का रवैया ऐसा कथित पुजारियों को लेकर क्या है।Happening now: Women of Khairabad protesting and saying "Baba ki gundagardi nahi chalegi" to demand Bajrang Muni's arrest.
— Kaushik Raj (@kaushikrj6) April 11, 2022
Video sent by a local.#ArrestBajrangMuni pic.twitter.com/uYylua3LS8
अकेला बजरंग मुनि ही आजाद नहीं घूम रहा है। गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर का पुजारी यति नरसिंहानंद ने हाल ही में मथुरा और दिल्ली में मुसलमानों के खिलाफ बहुत ही बुरे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बयान दिए। यूपी पुलिस इस विवादास्पद पुजारी के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है, जबकि यह शख्स अपनी जमानत शर्तों का भी उल्लंघन कर रहा है।
कुछ लोगों ने लिखा है कि योगी ने उन राज्यों का मजाक उड़ाने की कोशिश की है जो रामनवमी पर हिंसा को नियंत्रित नहीं कर पाए। इन लोगों ने लिखा है कि यूपी दरअसल खराब कानून व्यवस्था के लिए बदनाम रहा है। इसलिए दंगा न होना योगी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि बन गया है। इसीलिए वो बाकी राज्यों का मजाक उड़ा रहे हैं। जिन राज्यों में रामनवमी पर साम्प्रदायिक हिंसा हुई, राजस्थान और झारखंड को छोड़कर सभी बीजेपी शासित राज्य हैं। गुजरात, कर्नाटक, एमपी में सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। एमपी के खरगौन और बड़वानी में हिंसा की घटनाओं के बाद मुस्लिमों के घर और दुकानों पर बुलडोजर चले। लेकिन उसमें उन मकानों को भी तोड़ दिया गया, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने थे। जाहिर है कि पीएम आवास योजना का पैसा तो गलत तरह से बनने वाले मकानों को नहीं मिलेगा।
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