एक सनसनीखेज आरोप में, यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर ने दावा किया कि उन्हें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया था। कपूर ने ईडी को दिए गए अपने बयान में यह आरोप लगाया है। यह बयान इस मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत में दायर दूसरे पूरक आरोप पत्र का हिस्सा है। राणा कपूर ने कहा कि दिवंगत कांग्रेस नेता मुरली देवड़ा, जो उस समय केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री थे, ने उक्त पेंटिंग की खरीद के लिए कहा था, ताकि उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार मिल सके।
राणा कपूर ने ये आरोप उस समय लगाए हैं, जब मुरली देवड़ा और अहमद पटेल का निधन हो चुका है। यानी दोनों ही राणा कपूर के कथित आरोपों की पुष्टि नहीं कर सकते। मुरली ओर पटेल कांग्रेस के सीनियर नेता थे और कांग्रेस अध्यक्ष के करीबी थे।इसके अलावा, उन्होंने कथित तौर पर कहा कि पेंटिंग की बिक्री से प्राप्त राशि का इस्तेमाल न्यूयॉर्क में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इलाज के लिए किया गया था। कपूर का हवाला देते हुए आरोप पत्र में कहा गया है, मुरली देवड़ा ने मुझे इस संबंध में कई मोबाइल नंबरों से कई कॉल और मैसेज भी किए थे। वास्तव में, मैं इस सौदे के लिए अनिच्छुक था। मैंने कोशिश की थी उनके कॉल्स/मैसेज और पर्सनल मीटिंग्स को इग्नोर करूं ताकि इस डील से बच सकूं।
आरोपी ने जोर देकर कहा कि उसने संकोच के साथ अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ इस लेनदेन को आगे बढ़ाया क्योंकि वह देवड़ा के साथ-साथ गांधी परिवार के साथ किसी भी प्रकार की दुश्मनी को मोल नहीं ले सकता था।
यह आरोप लगाते हुए कि डील की औपचारिकताएं प्रियंका गांधी के कार्यालय में हुईं, उन्होंने कथित तौर पर ईडी को बताया, मिलिंद देवड़ा ने इस बैठक के कोऑर्डिनेट किया था। मैं यह बताना चाहता हूं कि इस सौदे के लिए, मैंने 2 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह पैसा एचएसबीसी बैंक में मेरे व्यक्तिगत खाते के चेक के जरिए दिया गया था। इसके अलावा, यस बैंक के सह-संस्थापक ने केंद्रीय एजेंसी को यह भी सूचित किया कि सोनिया गांधी के करीबी विश्वासपात्र और दिवंगत कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने बाद में उन्हें बताया कि गांधी परिवार के लिए "अच्छे काम" करने के लिए उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार के लिए चुना जाएगा।
राणा कपूर, यस बैंक के सह संस्थापक
.राणा कपूर की गिरफ्तारी
राणा कपूर को ईडी ने 30 घंटे की पूछताछ के बाद 8 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि कपूर ने अपनी बेटियों की कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यस बैंक के मुख्य सीईओ के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। एजेंसी के अनुसार, यस बैंक द्वारा 30,000 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए थे। इनमें से 20,000 करोड़ एनपीए (नॉन फरफॉर्मिंग एसेट) बन गए।
कोविड 19 महामारी आने के बाद, यस बैंक के सह-संस्थापक ने अपने जीवन के लिए खतरा बताते हुए जमानत याचिका दायर की। याचिका में उल्लेख किया गया है कि यस बैंक के संस्थापक ब्रोन्कियल अस्थमा, क्रोनिक इम्यूनोडिफीसिअन्सी सिंड्रोम, गंभीर हाई ब्लडप्रेशर और डिप्रेशन ने उन्हें फेफड़ों के इन्फेक्शन की वजह से जीवन को गंभीर खतरा है। उन्हें जेल में कोविड-19 हो सकता है। इसके अतिरिक्त, यह तर्क दिया गया कि कपूर को घर पर रहने और घर का बना खाना खाने की जरूरत थी। लेकिन, वह अभी भी जेल में बंद है क्योंकि उनके आवेदन खारिज कर दिए गए थे।
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