भारत की जानी-मानी महिला पहलवान विनेश फोगट ने विदेशी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी से आहत हैं। बृजभूषण भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं।
इसके बाद उनके समेत सारे पहलवान अपनी शिकायत लेकर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के पास पहुंचे। विनेश ने कहा कि जब वो लोग उनसे बात कर रही थीं तो खेल मंत्री अनुराग ठाकुर 'अपने फोन में व्यस्त' थे।
रॉयटर्स ने फोगाट का इंटरव्यू उनके सोनीपत स्थित आवास पर लिया। विनेश फोगाट ने कहा कि जब से मैंने विरोध करने का साहस जुटाया है, तब से मुझे सिर्फ अपमान मिला है। भावनात्मक रूप से मैं टूट रही हूं, पीएम ने इस मामले के बारे में कुछ नहीं कहा है।
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उन्होंने कहा कि पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से विस्तार से बात की। लेकिन वो (ठाकुर) मेरी चिंताओं को सुनने में ही दिलचस्पी नहीं ले रहे थे... जब मैं उनसे बात कर रही थी तो वह अपने फोन पर व्यस्त थे।
बता दें कि हाल ही में कुछ पहलवानों के साथ बैठक में मंत्री ठाकुर ने कहा था कि पुलिस 15 जून तक अपनी जांच पूरी कर लेगी और तब तक पहलवानों से प्रदर्शन नहीं करने का अनुरोध किया था।
एक एफआईआर में, एक वरिष्ठ महिला पहलवान ने कहा है कि उसने पीएम मोदी से 2021 की बैठक में सिंह के बारे में शिकायत की थी और प्रधानमंत्री ने इस मामले को देखने का वादा किया था। रॉयटर्स ने कहा है कि अनुराग ठाकुर और पीएम मोदी के दफ्तर से इन आरोपों के संबंध में फौरन कोई टिप्पणी नहीं मिली।
विनेश फोगाट ने कहा कि प्रशिक्षण शिविरों और टूर्नामेंटों के दौरान, सिंह "युवा एथलीटों को बाहर निकालने और उन्हें बार-बार छूने के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल करते थे। वो वही घृणित हरकत बार-बार करता था।" हमारे आंदोलन का मकसद यह था कि "हम चाहते थे कि बृजभूषण शरण सिंह को उनके घर से बाहर निकाला जाए, लेकिन क्योंकि वह एक शक्तिशाली व्यक्ति है, वह इधर-उधर घूम रहे हैं और हमें घर पर बैठने के लिए कहा जा रहा है।"
विनेश ने कहा: "हकीकत यह है कि कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा था, मुझे और अन्य लोगों को सार्वजनिक प्रदर्शन शुरू करने के लिए मजबूर किया क्योंकि हम चाहते थे कि देश को पता चले कि शीर्ष एथलीटों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है।"
इन आरोपों पर बृजभूषण के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि भाजपा सांसद के करियर को खराब करने के लिए सभी आरोप गढ़े गए हैं।
विनेश की एक और नाराजगी
रॉयटर्स ने विनेश का यह इंटरव्यू जब जारी कर दिया तो विनेश ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि उन्हें कई जगह मिसकोट किया गया है यानी उनकी बात को सही तरीके से पेश नहीं किया गया है। लेकिन विनेश ने अपने ट्वीट में यह नहीं बताया है कि रॉयटर्स ने उन्हें कहां-कहां मिसकोट किया है।विनेश फोगाट मीडिया से काफी नाराज हैं। अभी 9 जून को उन्होंने अपने ट्वीट में मीडिया पर गलत खबर चलाने का आरोप लगाया था। विनेश ने लिखा था - बृजभूषण की यही ताक़त है। वह अपने बाहुबल, राजनीतिक ताक़त और झूठे नैरेटिव चलवाकर महिला पहलवानों को परेशान करने में लगा हुआ है, इसलिए उसकी गिरफ़्तारी ज़रूरी है। पुलिस हमें तोड़ने की बजाय उसको गिरफ़्तार कर ले तो इंसाफ़ की उम्मीद हैं वरना नहीं। महिला पहलवान पुलिस इन्वेस्टीगेशन के लिए क्राइम साइट पर गयीं थीं लेकिन मीडिया में चलाया गया कि वे समझौता करने गई हैं।
बता दें कि महिला पहलवानों ने सबसे पहले जनवरी में अपना धरना शुरू किया था। लेकिन एक दिन के धरने के बाद ही केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें जांच का आश्वासन देकर धरना खत्म करा दिया था। उसके बाद सरकार ने एक जांच कमेटी बनाई लेकिन उसकी रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई। महिला पहलवानों ने उसके बाद सरकार की तमाम खेल संस्थाओं के अधिकारियों से बात की। सभी को जानकारी दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद पहलवानों ने एक महीना तक जंतर मंतर पर धरना दिया। 28 मई को जब नए संसद भवन का उद्घाटन का था तो पहलवानों ने महिला पंचायत के लिए कूच करना चाहा तो दिल्ली पुलिस ने कुछ पहलवानों और उनके समर्थकों के साथ बदसलूकी की। उन्हें सड़कों पर घसीटा गया। उसके बाद पहलवानों ने अपने मेडल हरिद्वार जाकर गंगा में प्रवाहित करने चाहे तो उन्हें किसान नेता नरेश टिकैत ने रोक दिया। उसके बाद सरकार से बातचीत शुरू हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई। सरकार से दो दौर की बातचीत के बाद पहलवान संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं।
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