मोदी से मुलाक़ात
प्रकाश शाह इमर्जेंसी के दौरान दो बार जेल गए। उन्होंने उन दिनों को याद करते हुए कहा कि वह नरेंद्र मोदी नाम के किसी शख़्स से मिले तो ज़रूर थे।प्रकाश शाह ने कहा, 'मेरे पिता अमेरिका जाने वाले थे और उनकी इच्छा थी कि वह जाने से पहले कुछ समय मेरे साथ बिताएँ, लिहाज़ा मुझे परोल पर रिहा किया गया था। मैं पहली बार मोदी से मिला जब वे वह मुझसे मिलने आए थे।'
“
मोदी कुछ छोटा-मोटा काम ही किया करते थे, जो उन्हें कहा जाता था। उनकी भूमिका बस उतनी ही थी। मैं यदि उस समय के अपनी उम्र से 10 साल छोटा रहा होता तो शायद मैं भी वही करता। पर यह तय है कि मोदी की भूमिका वह तो नहीं ही थी जिसका दावा उन्होंने बाद में वेबसाइट पर किया था। उन्होंने इसे बहुत ही ज़्यादा बढ़ा चढ़ा कर पेश करने की कोशिश की थी।
प्रकाश एन शाह, गुजराती आलोचक, पत्रकार
'मोदी बेहद महत्वाकांक्षी'
प्रकाश शाह को अंत में 22 जनवरी 1977 को जेल से रिहा कर दिया गया। वह कहते हैं कि वह कई मौक़ों पर मोदी से मिले, पर ऐसा कुछ ख़ास कारण नहीं है, जिससे वह उन्हें याद कर सकें। वह कहते हैं, 'बाद में बातचीत के दौरान मुझे मित्रों ने बताया कि मोदी बेहद महात्वाकांक्षी व्यक्ति हैं और कामयाबी हासिल करने के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं।'प्रकाश शाह ने यह भी कहा कि इमर्जेंसी के बाद भी मोदी उनके लगातार संपर्क में रहे और उन्हें दुआ-सलाम भेजते रहे। मोदी के मुख्य मंत्र बनने के बाद भी प्रकाश शाह से उनकी एक बार मुलाक़ात हुई थी। विश्व गुजराती समाज ने गाँधीवादी चुन्नीभाई वैद्य को उन्हें सम्मानित करने के लिए बुलाया था।
अपनी राय बतायें