राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने गुरुवार को दो समितियों की घोषणा की है। ये दो समितियां प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति है। भाजपा की इस घोषणा के साथ ही राजस्थान की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इन दोनों समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है। ऐसे में हर तरफ यही सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा ने वसुंधरा राजे को राजस्थान की राजनीति से किनारे कर दिया है।
भाजपा द्वारा इन दोनों महत्वपूर्ण चुनावी समितियों में वसुंधरा को नहीं रखने का सियासी मतलब निकाला जा रहा है। भाजपा के इस कदम ने राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज कर दी है। भाजपा ने इन दोनों समितियों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को जगह न देकर सब को चौंका दिया है।
भाजपा की ओर से इन दोनों चुनाव समितियों के नामों की घोषणा को लेकर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें राजस्थान प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी दोनों मौजूद थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि इस बार मेनिफेस्टो कमेटी को संकल्प पत्र नाम दिया गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को चुनाव प्रबंधन समिति और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को प्रदेश संकल्प पत्र समिति का संयोजक बनाया गया है।
वहीं वसुंधरा राजे की आगामी विधानसभा चुनाव में भूमिका के सवाल पर दोनों नेताओं ने कहा कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं, वे पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी कैंपेन कमेटी के संयोजक और उसके सदस्यों की घोषणा होना बाकी है।
प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में ये 21 नेता होंगे
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को शामिल किया गया है। इसमें 1 संयोजक, 6 सह संयोजक बनाए गए हैं जबकि 14 नेताओं को इसका सदस्य बनाया गया है। इसमें नारायण पंचारिया को समिति का संयोजक बनाया गया है। वहीं पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, सांसद राज्यवर्द्धन राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त सीएम मीणा और कन्हैयालाल बैरवाल को समिति का सह संयोजक बनाया गया है।
प्रदेश संकल्प पत्र समिति में 25 नेताओं को मिली जगह
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होने वाले घोषणा पत्र (मेनिफेस्टो) के लिए भाजपा ने प्रदेश संकल्प पत्र (मेनिफेस्टो) समिति का गठन किया है। इस समिति में 1 संयोजक, 7 सह संयोजक बनाए गए हैं वहीं 17 नेताओं को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। इस समिति के संयोजक केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल बनाए गए हैं। वहीं, उनके साथ इस समिति में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष मेहरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी और पार्षद राखी राठौड़ को सह-संयोजक बनाया गया है।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं वसुंधरा राजे
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता वसुंधरा राजे वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। जुलाई में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नई टीम में भी उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया था। माना जाता है कि राजस्थान में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा वसुंधरा राजे ही हैं। राजस्थान की राजनीति में उनकी गहरी पकड़ और मतदाताओं में उनकी लोकप्रियता दशकों से रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है इसके बाद भी राजस्थान भाजपा में वसुंधरा को अहम जिम्मेदारी क्यों सौंपी नहीं जा रहा है। हालांकि, हाल के दिनों में राजस्थान में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओं में वसुंधरा की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली है। खासतौर से अजमेर की महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दी गई तव्वजों के बाद वसुंधरा समर्थकों में उत्साह था।
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