15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को सोमवार से वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले एलान किया था कि इस आयु उम्र वर्ग के बच्चों को 3 जनवरी से वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए बच्चों ने खुद को कोविन एप पर रजिस्टर कराया था। कोविन एप में एक अतिरिक्त स्लॉट जोड़ा गया है जिस पर जाकर बच्चे अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
सरकार ने कहा था कि बच्चों को इसके लिए स्टूडेंट आईडी कार्ड की जरूरत होगी। बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए तमाम राज्यों में जरूरी तैयारियां की गई हैं। कई जगहों पर बच्चे टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे हैं।
यह तय है कि बच्चे वैक्सीन की खुराक मिलने के बाद कोरोना संक्रमण से काफी हद तक सुरक्षित हो जाएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोगों से अपील की थी कि वे अपने इस आयु उम्र वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए उनका रजिस्ट्रेशन ज़रूर करवाएं।
फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के लोगों को भी एक अतिरिक्त डोज लगेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्हें भी प्रीकॉशन डोज लगेगी। इसे बूस्टर डोज का नाम नहीं दिया गया है।
निश्चित रूप से कोरोना से बच्चों की सुरक्षा की दिशा में यह एक बड़ा क़दम होगा। क्योंकि बच्चों को वैक्सीन न लगने के कारण उनके संक्रमित होने का ख़तरा ज़्यादा था और इस वजह से बीते दो साल में देश भर में लंबे वक़्त तक स्कूलों को बंद रखना पड़ा था।
भारत से पहले यूरोप में कई देशों, अमेरिका, यूएई और न्यूजीलैंड में बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। बीते कुछ दिनों में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं, इसके बाद से ही बच्चों को वैक्सीन लगाने की मांग उठ रही थी।
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