भारत-चीन के रिश्तों में बीते कई महीनों से चल रहे तनाव के बीच दोनों देशों की केंद्र सरकारों के मंत्रियों या आला अफ़सरों का कोई भी बयान बेहद अहम होता है क्योंकि इस पर दुनिया के बाक़ी देशों की भी नज़र होती है। भारत के परिवहन राज्य मंत्री वीके सिंह के यह कहने कि “अगर चीन ने लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) का 10 बार उल्लंघन किया है तो भारत ने कम से कम ऐसा 50 बार किया होगा”, इस पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है। वीके सिंह ने यह बात रविवार को मदुरै में कही।
सेना प्रमुख रह चुके वीके सिंह के इस बयान पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को कहा कि भारत की ओर से किया जा रहा भारत-चीन की सीमा का उल्लंघन तनाव का प्रमुख कारण है।
वेनबिन ने कहा, “भारत की ओर से न चाहने के बाद भी इस बात को स्वीकार किया गया है। लंबे समय से भारत की ओर से सीमाई इलाक़ों में बिना इजाजत के चीनी सीमा में घुसने की कोशिशों की वजह से विवाद हुए हैं और यही सीमा पर तनाव की मुख्य वजह है।”
वेनबिन ने कहा कि चीन भारत से अपील करता है कि वह दोनों देशों के बीच हो चुके समझौतों, संधियों और आम सहमति का पालन करे और इसी से सीमाई इलाक़ों में शांति का माहौल बन सकता है।
चीन की नापाक हरक़तों पर देखिए विश्लेषण-
निश्चित रूप से वीके सिंह के बयान को चीन अंतरराष्ट्रीय जगत में इस्तेमाल कर सकता है। चीन इसे इस तरह दिखाएगा कि भारत की ओर से ख़ुद ही स्वीकार कर लिया गया है कि उसने उससे कहीं ज़्यादा बार सीमा पर एलएसी का उल्लंघन किया है, ऐसे में दोनों देशों के बीच किसी तरह का विवाद या जंग होने पर उसे दोष नहीं दिया जा सकता।
अरुणाचल में चीन का अतिक्रमण
हाल ही में एनडीटीवी ने ख़बर दी थी कि चीन अरुणाचल में भारत की सीमा के अंदर घुस आया है और उसने एक पूरा गांव बसा लिया है। इस गांव में 101 घर हैं और यह भारतीय सीमा के 4.5 किमी. अंदर है। चीन ने यह गांव सुबनसिरी जिले के त्सारी चू नदी के किनारे बसाया है। यह इलाक़ा भारत और चीन के बीच लंबे वक़्त से विवादित रहा है और सैन्य संघर्ष वाला क्षेत्र रहा है। इसके अलावा चीन सीमाई इलाक़ों में अपनी फ़ोर्स की तैनाती कर रहा है और नई चौकियां भी बना रहा है।
वीके सिंह ने इसे लेकर कहा कि सरकार इस पर पूरी नज़र रख रही है। उन्होंने कहा कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण करने की कोशिश की तो भारत ने उसे उसकी भाषा में जवाब दिया और आज चीन दबाव में हैं।
चीन का रवैया विस्तारवाद का रहा है और वह लगातार भारत की सीमाओं में अशांति के हालात बनाने की कोशिश करता रहा है। लेकिन दूसरी ओर वह सीमा पर शांति की वकालत भी करता है। ऐसा करना उसकी चतुरता है लेकिन जब सेना प्रमुख रह चुका कोई शख़्स बतौर भारत सरकार के मंत्री होने के नाते यह कहेगा कि भारत ने चीन से ज़्यादा बार एलएसी पर उल्लंघन किया है तो निश्चित रूप से भारत को इसका जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।
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