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अवैध रूप से घुसे भारतीयों को अमेरिका ने निकाला; मोदी के सपने ऐसे तो न थे!

जिस अमेरिका को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सपना देखा था कि वह भारतीय वीजा लेने के लिए लाइन लगाकर खड़ा होगा, उसी अमेरिका ने अब अवैध रूप से घुस गए भारतीय नागरिकों को एक जहाज में भरकर वापस भेज दिया है। यह कोई पहली खेप नहीं है। भारतीय अक्सर अवैध रूप से अमेरिका में घुसते रहे हैं और वह समय-समय पर उन्हें वापस भेजता रहा है। 2023-2024 में ही उसने 96 हज़ार से ज़्यादा भारतीयों को वापस भेज दिया। यह स्थिति तब है जब मोदी ने 2014 में पीएम बनने से पहले ही सपना देखा था कि अमेरिकी भारतीय वीजा लेने की होड़ में हों और उनके पीएम बनने के 10 साल बाद ऐसी हालत है।

प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने 2012 में कहा था कि मैं उस दिन का इंतज़ार कर रहा हूँ जब पूरा अमेरिका भारतीय वीजा के लिए कतार में खड़ा होगा। उन्होंने तब कहा था कि 'मेरा सपना यह है कि स्वामी विवेकानंद जी ने जो सपना देखा था वो सपना पूरा हो। और हमारा देश इतना समृद्ध हो कि पूरा अमेरिका वीजा लेने के लिए लाइन में खड़ा हो। ये मेरा सपना है।' (2.50 मिनट के बाद सुनें)

उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'मैं अमेरिका आऊँ उसके बजाए मैं ऐसा देश चाहूँगा कि अमेरिका को लाइन लगाकर वीजा लेने के लिए खड़ा होना पड़े। इस दिशा में हमको काम करना चाहिए। और मैं इस ज़िद के साथ लगा हुआ हूँ...।'  बता दें कि 2012 में ही अमेरिका ने घोषणा की थी कि उसने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपनी वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। 2002 के गुजरात दंगों में कथित भूमिका का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने मोदी को मार्च 2005 में वीजा देने से इनकार कर दिया था।

इसके दो साल बाद ही 2014 में वह प्रधानमंत्री बन गए और तब से लगातार वह इस पद पर हैं। लेकिन क्या ऐसा हुआ कि पूरा अमेरिका भारत का वीजा लेने के लिए लाइन लगाकर खड़ा है? इस सवाल का जवाब भारत सरकार के आँकड़े ही बता देते हैं। पिछले साल संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा था कि 2022 में 2,25,620 भारतीयों ने देश की नागरिकता छोड़ दी थी।

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तब जयशंकर ने कहा था कि 2015 में अपनी भारतीय नागरिकता त्यागने वाले भारतीयों की संख्या 1,31,489 थी, जबकि 2016 में 1,41,603 लोगों ने और 2017 में 1,33,049 लोगों ने नागरिकता छोड़ी। 2018 में यह संख्या 1,34,561 थी, जबकि 2019 में 1,44,017 और 2020 में 85,256 और 2021 में 1,63,370 ने अपनी नागरिकता छोड़ी थी। 
यानी भारत में ऐसी समृद्धि नहीं आई कि अमेरिकी लोग वीजा के लिए लाइन लगाकर खड़े हों। बल्कि इसके उलट हुआ। अब ज़्यादा भारतीय लोगों ने नागरिकता छोड़नी शुरू कर दी।

नागरिकता छोड़ने वालों का आँकड़ा 2011 में 1,22,819 था, जबकि 2012 में यह 1,20,923, 2013 में 1,31,405 और 2014 में 1,29,328 था। 

ये तो हुई बात वैध तरीक़े से भारतीय नागरिकता छोड़ने की। अब स्थिति ऐसी है कि लोग अवैध तरीक़े से ही भारतीय अमेरिका में घुस जा रहे हैं और यही वजह है कि उनको अमेरिका वापस भेज रहा है।

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टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा विभाग यानी डीएचएस की घोषणा के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका ने अवैध भारतीय अप्रवासियों से भरे एक विमान को भारत वापस भेजा। डीएचएस ने कहा कि 22 अक्टूबर को भारत के लिए एक बड़ी-सी चार्टर रिमूवल फ्लाइट भेजी गई, जिसमें उन भारतीय नागरिकों को लाया गया, जिन्होंने अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार नहीं अपनाया था। 

हालाँकि, डीएचएस ने अप्रवासियों की संख्या या भारत में वे कहां से आए हैं, इस बारे में जानकारी नहीं दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार के बिना भारतीय नागरिकों को तुरंत वापस भेजा जा सकता है, और इच्छुक प्रवासियों को तस्करों के झूठ में नहीं आना चाहिए, जो अन्यथा दावा करते हैं।' अधिकारी ने कहा कि जून 2024 से इसने 160,000 से अधिक व्यक्तियों को वापस भेजा है। इसके लिए भारत सहित 145 से अधिक देशों में 495 से अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भेजी गईं। भारतीय सरकार ने पिछले साल संसद में कहा था कि अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा द्वारा उनकी वेबसाइट पर प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 2023-2024 में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा सामना किए गए अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या 96,917 थी। 

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क़मर वहीद नक़वी
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