एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सवालिया निशान लग रहे हैं। जिस अमेरिकी साइबर विशेषज्ञ ने भारत में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम का डिज़ाइन तैयार किया था, कुछ महीने पहले उन्होंने कहा था कि वह ख़ुद ऐसी ही एक ईवीएम को हैक करके दिखाएँगे। उन्होंने दावा किया था कि 21 जनवरी (सोमवार) को भारतीय समय के अनुसार दोपहर बाद 5.30 बजे वह लंदन में सार्वजनिक तौर पर इस ईवीएम को हैक करेंगे।
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उन्होंने यह भी दावा किया था कि वह यह भी बताएँगे कि कहाँ, क्या और कैसे घपला किया जा सकता है। ईवीएम पर सवाल पहले भी उठते रहे हैं। वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने 2009 में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया था। इसके बाद बीजेपी के नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने पूरी एक किताब ही लिख डाली थी कि किस तरह ईवीएम हैक किया जा सकता है और इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि जर्मनी समेत किन देशोें में और किन कारणों से ईवीएम का प्रयोग करना बंद कर दिया।
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आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अब यही मुद्दा उठा रही हैं और कह रही हैं कि ईवीएम पर भरोसा न किया जाए। पर अब बीजेपी ईवीएम को सही बता रही है कि कह रही है कि इससे छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है। हाल में पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान भी इस तरह के आरोप लगे। बहरहाल, आम चुनाव के पहले यह मुद्दा गरम है।
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