केंद्र सरकार इस बात पर सहमत हो गई है कि वह संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के ऐसे अभ्यर्थियों को एक अतिरिक्त मौक़ा देगी जिनकी अंतिम परीक्षा 2020 में छूट गयी थी।
इस मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सिविल सेवा परीक्षा की अभ्यर्थी रचना सिंह की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि ऐसे अभ्यर्थियों को एक और मौक़ा दिया जाए जिनके लिए अक्टूबर 2020 में हुई प्रारंभिक परीक्षा अंतिम मौक़ा थी और यह कोरोना महामारी के कारण छूट गई थी। यह परीक्षा 4 अक्टूबर को हुई थी।
बीते साल सितंबर महीने में शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और यूपीएससी को निर्देश दिया था कि वह ऐसे अभ्यर्थियों को एक और मौक़ा देने पर विचार करे। 2021 की सिविल सेवा परीक्षा कार्यक्रम का नोटिफ़िकेशन 10 फ़रवरी को जारी हो सकता है।
कोरोना महामारी के कारण सिविल सेवा स्तर की परीक्षाएं तो बाधित हुई हीं, स्कूल-कॉलेजों में भी लगभग पूरे साल तक पढ़ाई नहीं हो सकी। बीते कुछ दिनों में कई राज्यों में स्कूलों-कॉलेजों को खोला गया है और कई राज्य इन्हें खोले जाने की तैयारी कर रहे हैं।
कोरोना की वैक्सीन आने के बाद लोगों में इस महामारी का ख़ौफ़ कम हुआ है और बीते कुछ महीनों में काम-धंधे फिर से शुरू हुए हैं। हालांकि सरकार ने लोगों को चेताया है कि वे कोरोना प्रोटोकॉल से जुड़े नियमों का लगातार पालन करते रहें और बिलकुल भी ढिलाई न करें।
देश भर में इन दिनों पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है और दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों सभी सांसदों और विधायकों, जो 50 साल से ऊपर की उम्र के हैं उन्हें भी कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी।
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