ऐसा लगता है कि भारत का यह दावा ग़लत है कि फ़रवरी में पाकिस्तान के साथ हुई हवाई झड़प में उसके एक पायलट ने पड़ोसी देश के लड़ाकू हवाई जहाज़ एफ़-16 को मार गिराया था। इस मामले की जानकारी रखने वाले अमेरिकी रक्षा विभाग के दो अधिकारियों ने ‘फ़ॉरन पॉलिसी’ को बताया कि हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग के अफ़सरों ने इसलामाबाद जाकर एफ़-16 विमानों को गिना और पाया कि जितने जहाज़ पाकिस्तान को दिए गए थे, वे सब हैं, कोई ग़ायब नहीं हुआ है।
यह भारतीय वायु सेना के अफ़सर के बयान के ठीक उलट है। वायु सेना के अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तानी मिसाइल अभिनंदन वर्तमान के जहाज में लगे और गिरे उसके पहले ही भारतीय पायलट ने पाकिस्तान के एफ़-16 विमान को मार गिराया था।
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यह मुमकिन है कि बहुत ही पुराने हो चुके मिग-21 बाइसन विमान को उड़ाते हुए विंग कमांडर अभिनंदन ने हवाई झड़प के दौरान एफ़-16 विमान को घेर लिया हो, उस पर निशाना साधा हो और मिसाइल दाग दी हो। स्वाभाविक है, उन्हें लगा होगा कि उन्होंने पाकिस्तानी विमान को मार गिराया है।
आतंकवादी हमला
भारत में चुनाव होने के कुछ हफ़्ते पहले ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने लगा था। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट ने कश्मीर में 14 फ़रवरी को आत्मघाती हमला किया, जिसमें भारत के सुरक्षा बलों के 40 लोग मारे गए थे। उसके बाद दोनों देशों के बीच जो तनाव बढ़ा, वैसा तनाव कई दशकों में नहीं देखा गया था। दोनों देशों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने गल़त प्रचार कर राष्ट्रवादी भावनाएँ भड़काई हैं।हालाँकि ऐसा नहीं लगता है कि इससे भारतीय मतदाता भावनाओं में बह जाएँगे, एमआईटी में राजनीति विज्ञान के असोसिएट प्रोफ़ेसर विपिन नारंग का मानना है कि इसके बाद की घटनाओं से भारत को भविष्य में पाकिस्तान को रोकने में दिक्क़त होगी।
‘जैसे-जैसे विस्तृत जानकारी आ रही है, लगता है कि भारत के लिए हाल बद से बदतर हुआ’, नारंग ने कहा। उन्होंने आगे कहा, ‘इस बात की संभावना ज़्यादा है कि भारत पाकिस्तान को अधिक नुक़सान पहुँचाने में नाकाम रहा, पर इस कोशिश में ख़ुद इसका एक विमान और एक हेलीकॉप्टर नष्ट ज़रूर हो गया।’
दोनों देशों के बीच हवाई झड़प 27 फ़रवरी को हुई, जब 1971 के युद्ध के बाद पहली बार भारतीय विमानों ने पाकिस्तानी सीमा का उल्लंघन कर बम गिराए और उसके जवाब में पाकिस्तान के जहाज़ों ने भारत की हवाई सीमा का उल्लंघन किया। भारत ने अपने विमानों को मुस्तैद किया और पाकिस्तान के जहाज़ों को खदेड़ा, उसके बाद हवा में जो लड़ाई हुई, उसमें भारत का विमान गिरा दिया गया और अभिन्दन उससे सुरक्षित निकलने में कामयाब हुए। उन्हें पाकिस्तान सेना ने पकड़ लिया और दोनों देशों के बीच के तनाव को कम करने के लिए उन्हें रिहा कर दिया गया।
एफ़-16 की गिनती की अमेरिका ने
पाकिस्तान जाकर एफ़-16 विमानों की गिनती करने वाले अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अफ़सर ने कहा कि वाशिंगटन और पाकिस्तान के बीच हुए क़रार में यह प्रावधान है कि विमान के इस्तेमाल की निगरानी अमेरिका कर सकेगा। क़रार के इस प्रावधान के तहत ही अमेरिकी विशेषज्ञ पाकिस्तान गए और वहाँ एफ़-16 विमानों की गिनती की। इस तरह के क़रार में यह व्यवस्था होती है कि विमान खरीदने वाला देश अमेरिका को यह छूट देगा कि उसके विशेषज्ञ उस देश जाकर वहाँ यह देख सकेंगे कि विमान और उसके उपकरण सुरक्षित हैं और उनका रख-रखाव ठीक से हो रहा है।उस अधिकारी ने कहा कि सारे विमान मौके पर मौजूद नहीं थे, इसलिए उन्हें थोड़ा इंतज़ार करना पड़ा। पर विमानों की गिनती पूरी हो गई। यह पाया गया है कि सारे विमान सुरक्षित हैं।
एफ़-16 गिराने का सबूत, वायु सेना का दावा
दूसरी ओर, भारतीय वायु सेना ने 'फ़ॉरन पॉलिसी' की रिपोर्टो को सिरे से ख़ारिज करते हुए दावा किया है कि उसके पास एफ़-16 को मार गिराने के पुख़्ता सबूत हैं। वायु सेना ने एक बयान में कहा है, 'भारतीय वायु सेना ने उस दिन दो अलग-अलग जगहों पर विमान से पायलट के बाहर निकलने को देखे जाने की पुष्टि की है। दोनों जगहों के बीच कम से कम 8-10 किलोमीटर की दूरी थी। इनमें एक मिग-21 बाइसन था और दूसरा पाकिस्तान वायु सेना का विमान था। हमारे पास जो इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर हैं, उससे साफ़ है कि वह विमान एफ़-16 ही था।'रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर कहा है कि एफ़-16 को भारतीय वायु सेना ने मार गिराया था। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पहले दावा किया था कि उनके कब्जे में दो पायलट हैं। इनमें एक तो अभिनंदन वर्तमान थे, जो वापस लौट आए। दूसरा पायलट कौन था?'
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