भारतीय वायु सेना का एक विशेष विमान काबुल से 107 भारतीयों सहित 168 यात्रियों को लेकर दिल्ली के पास हिंडन हवाई अड्डे पर उतरा। इसके अलावा, तीन अन्य उड़ानें काबुल से निकाले गए भारतीयों को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे और कतर के दोहा से आज सुबह दिल्ली में पहुँची हैं। एक दिन पहले क़रीब 85 भारतीयों को सुरक्षित ताजिकिस्तान ले जाया गया था। हाल ही में काबुल से सुरक्षित निकालकर भारतीयों को दोहा ले जाया गया था। दोहा से 135 लोगों के वापस लौटने की पहले रिपोर्ट आई थी। समझा जाता है कि आज क़रीब 500 लोग काबुल से सुरक्षित निकाले गए लोग देश लौटेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार दो उड़ानें काबुल से आने वाली हैं जिनमें क़रीब 350 भारतीय हैं। रिपोर्ट है कि एक दिन पहले ही शनिवार को सुरक्षित निकाले जाने के लिए काबुल एयरपोर्ट के बाहर इंतज़ार कर रहे भारतीयों को पूछताछ और डॉक्यूमेंट की जाँच के लिए नज़दीकी पुलिस स्टेशन ले जाया गया था। बाद में वे सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट भेज दिए गए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर लोगों के सुरक्षित लाए जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।
Evacuation continues!
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) August 22, 2021
IAF special repatriation flight with 168 passengers onboard, including 107 Indian nationals, is on its way to Delhi from Kabul. pic.twitter.com/ysACxClVdX
1st batch of 135 Indians who were evacuated 4m Kabul to Doha over past days being repatriated tonight to India. Emb officials provided consular&logistics asst to ensure their safe return. We thank Qatar authorities n all concerned for making this possible@MEAIndia@DrSJaishankar pic.twitter.com/xueNYg6K1F
— India in Qatar (@IndEmbDoha) August 21, 2021
गृह मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने दूतावास के सभी कर्मचारियों को निकाल लिया है, लेकिन क़रीब एक हज़ार नागरिक कई अफ़ग़ान शहरों में रह रहे हैं और उनके स्थान व स्थिति का पता लगाना एक चुनौती साबित हो रहा है। इनमें काबुल के एक गुरुद्वारे में क़रीब 200 सिख और हिंदू भी शामिल हैं। हाल ही में इस गुरुद्वारे में तालिबान का प्रवक्ता पहुँचा था। उसमें एक वीडियो जारी करते हुए कहा गया था कि तालिबान की ओर से उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है। इस बार तालिबान एक अधिक उदार छवि पेश करने की कोशिश कर रहा है।
इससे पहले शनिवार को तब क़रीब 150 भारतीयों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी थी जब काबुल से 85 भारतीयों को सुरक्षित ताजिकिस्तान ले जाने के कुछ देर बाद ही ख़बर आई थी कि एयरपोर्ट के बाहर से क़रीब 150 भारतीयों को तालिबान अपने साथ ले गए हैं।
बाद में रिपोर्ट आई कि तालिबान ने इस बात से इनकार किया है कि काबुल के हामिद करज़ई एयरपोर्ट से उसके लोगों ने किसी का अपहरण किया है।
बाद में ये सभी लोग वापस काबुल एयरपोर्ट लौट आए। ये भी कहा जा रहा था कि एयरपोर्ट के बाहर भीड़ बहुत ज़्यादा थी और भीड़ को हटाने के लिए ही इन लोगों को एयरपोर्ट के मुख्य दरवाज़े से हटाकर दूसरी जगह ले जाया गया था।
बीते कुछ दिनों में काबुल एयरपोर्ट पर फ़ायरिंग भी हुई है और इसमें कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसके बाद एयरपोर्ट पर कॉमर्शियल फ्लाइट्स को सस्पेंड करना पड़ा था लेकिन तमाम देशों ने वहाँ स्थित अपने दूतावासों में काम कर रहे लोगों को निकालने का काम जारी रखा है।
बता दें कि काबुल पर क़ब्ज़ा करने के बाद पहले तालिबान ने भारतीय दूतावास से संपर्क कर कहा था कि वे दूतावास खाली न करें, उनकी सुरक्षा की गारंटी है। पर भारतीय राजनयिकों ने दूतावास फिलहाल खाली करने की बात कही तो तालिबान के लड़ाके आए और अपनी देखरेख में पूरे सम्मान के साथ भारतीयों को हवाई अड्डे तक छोड़ आए। लेकिन इसके दो दिन बाद ही वे भारतीय दूतावास पहुँचे, ताला तोड़ कर अंदर घुसे, पूरी तलाशी ली और वहाँ पड़ी गाड़ियों को अपने साथ ले गए।
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