ट्विटर और भारत सरकार के बीच लंबे समय तक चली तनातनी के बाद अब जब सबकुछ ठीक होता नज़र आ रहा है तब ट्विटर इंडिया के मौजूदा प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी को अमेरिका में नई ज़िम्मेदारी दी गई है। यानी उन्हें भारत में ज़िम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। हाल में सरकार से खींचतान के बीच मनीष के ख़िलाफ़ एक के बाद एक कई एफ़आईआर दर्ज की गई थी।
ट्विटर का यह ताज़ा फ़ैसला तब आया है जब इसी हफ़्ते मंगलवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि ट्विटर अब आईटी नियमों 2021 का अनुपालन कर रहा है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत को बताया था कि बेहतर होगा कि हमारा हलफनामा ऑन रिकॉर्ड आ जाए। केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि पिछले सप्ताह पूर्णकालिक मुख्य अनुपालन अधिकारी के साथ साथ रेजिडेंट ग्रीवांस अफसर और एक नोडल संपर्क अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। फ़रवरी में नियमों की घोषणा के बाद पहली बार ट्विटर द्वारा नियुक्तियां की गई हैं। इसने पहले पदों को भरने के लिए अंतरिम व्यवस्था की थी और तीसरे पक्ष के ठेकेदार के माध्यम से अधिकारियों को लगाया था।
हाल में केंद्र सरकार से ट्विटर की जहाँ तनातनी कम हो गई लगती है वहीं देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस से ट्विटर की तनातनी शुरू हो गई है। ट्विटर ने अपनी पॉलिसी के उल्लंघन का हवाला देते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी समेत पार्टी के कई नेताओं के ट्विटर खातों को बंद कर दिया है। कांग्रेस ने ट्विटर पर बीजेपी के दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
इस बीच ट्विटर ने एक बड़ा क़दम उठाते हुए भारत में अपने संचालन के लिए किसी को भी देश के निदेशक पद पर नियुक्त नहीं करने का फ़ैसला किया है। इसके अलावा, ट्विटर इंडिया को अब एक 'लीडरशिप काउंसिल' द्वारा निर्देशित किया जाएगा, जिसके प्रमुख अधिकारी ट्विटर के विदेशी अधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे।
ट्विटर इंडिया के मौजूदा प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी को अमेरिका में नई भूमिका दिए जाने की जानकारी ट्विटर के जापान, दक्षिण कोरिया और एशिया पैसिफिक डिवीजन के उपाध्यक्ष यू सासामोटो ने दी। उन्होंने ट्वीट कर पिछले 2 से ज़्यादा वर्षों में ट्विटर के भारत में व्यवसाय का नेतृत्व करने के लिए मनीष को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के नए बाज़ारों के लिए राजस्व रणनीति और संचालन के प्रभारी यूएस-आधारित आपकी नई भूमिका के लिए बधाई।
मनीष माहेश्वरी के ख़िलाफ़ हाल के दिनों में कई एफ़आईआर दर्ज कराई गई हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि केंद्र सरकार के नई आईटी नियमों का अनुपालन नहीं करने के कारण ट्विटर को मिली क़ानूनी सुरक्षा ख़त्म हो गई थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कह दिया था कि जब तक ट्विटर नए आईटी नियमों को नहीं मानता है तब तक इसे क़ानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी।
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इसी कारण सोशल मीडिया पर यूज़रों द्वारा कथित आपत्तिजनक पोस्टों के लिए ट्विटर के ख़िलाफ़ कम से कम 4 एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी हैं। जून के आखि़र में एफ़आईआर बच्चों से जुड़ी अश्लीलता को लेकर दर्ज़ की गई थी। यह एफ़आईआर पॉक्सो एक्ट और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज़ की गई।
जून महीने की ही शुरुआत में ट्विटर के ख़िलाफ़ ग़ाज़ियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई के मामले में भी एफ़आईआर दर्ज़ की गई थी और इसके इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी से लोनी थाने में पेश होने के लिए कहा गया था। इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से मनीष को राहत मिली और उनको गिरफ़्तारी से सुरक्षा भी मिली।
बाद में जम्मू और कश्मीर को देश के मैप से अलग दिखाने पर ट्विटर और ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ की गई थी। इसी मामले में मध्य प्रदेश में भी माहेश्वरी के ख़िलाफ़ एक और एफ़आईआर दर्ज़ की गई।
ट्विटर नए आईटी नियमों को लेकर सरकार से भिड़ गया था। इसकी शुरुआत तब हुई जब कथित 'कांग्रेस टूलकिट' मामले में बीजेपी नेताओं के ट्वीट को ट्विटर ने 'मैनिपुलेटेड मीडिया' के रूप में टैग किया। इसके बाद सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी बढ़ती गई।
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