केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से 48 घंटे के लिए बुलाया गया भारत बंद मंगलवार को भी जारी है। इस दौरान कई सेवाओं पर असर पड़ा है। बंद के दौरान कर्मचारी केंद्र सरकार की कई नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और इससे कुछ इलाकों में आम जनजीवन पर असर पड़ा है। केरल और बंगाल में बंद का असर दिख रहा है जबकि कर्नाटक और तमिलनाडु भी इससे थोड़ा बहुत प्रभावित हुए हैं।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हड़ताल की वजह से पहले दिन बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं और पब्लिक सेक्टर के बैंकों में पैसे के लेन-देन पर असर पड़ा है। जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में काम सामान्य रहा।
इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारी भी शामिल हैं। संगठन के महासचिव सीएच वेंकटचेलम ने कहा है कि हड़ताल का असर पूर्वी भारत के पब्लिक सेक्टर के बैंकों में दिखा। बैंक यूनियनों की ओर से केंद्र सरकार के द्वारा पब्लिक सेक्टर के दो बैंकों का निजीकरण करने और बैंकिंग कानून सुधार विधेयक 2021 के खिलाफ के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।
केरल में बंद का अच्छा खासा असर रहा। हालांकि आपातकालीन सेवाओं को इस हड़ताल से बाहर रखा गया। केरल में पुलिस अलर्ट पर रही। पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में ट्रेड यूनियनों से जुड़े लोग सड़कों पर उतरे। तमिलनाडु में भी ट्रेड यूनियन से जुड़े कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं।
इससे पहले आज सुबह ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया था कि भारत बंद में 20 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी भाग लेंगे।
भारतीय मजदूर संघ विरोध में
आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि वह इस हड़ताल में शामिल नहीं है। संघ ने कहा है कि यह हड़ताल पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और कुछ राजनीतिक दलों द्वारा कराई गई। जबकि ऑल इंडिया ऑर्गेनाइज्ड वर्कर्स एंड एंप्लाइज कांग्रेस ने इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया है और कहा है कि उनके नेता राहुल गांधी ने कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में आवाज उठाई है।
एडवाइजरी जारी
ऊर्जा मंत्रालय ने सभी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा। ऊर्जा मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि जरूरी सेवाओं जैसे अस्पताल रक्षा और रेलवे आदि में बिजली सप्लाई लगातार बनी रहे, इसे सुनिश्चित किया जाए और इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाए।
बंगाल सरकार सख़्त
पश्चिम बंगाल सरकार ने कर्मचारियों से सोमवार और मंगलवार को नौकरी पर रहने के लिए कहा है और आदेश दिया है कि भारत बंद के बाद भी सभी सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे। राज्य सरकार ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को 28 और 29 मार्च को किसी तरह की छुट्टी या हाफ डे नहीं दिया जाएगा। अगर कर्मचारी इन 2 दिन में गैरहाजिर रहते हैं तो उन्हें इसकी इसकी तनख्वाह नहीं दी जाएगी।
अपनी राय बतायें