प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावोस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि भारत में यह निवेश का सबसे शानदार मौका है। भारत के लोगों में नई तकनीक को अपनाने में महारत हासिल है। यहां उद्यमियों की जो क्षमता है वो हमारे ग्लोबल पार्टनर्स को नई उर्जा दे सकती है। प्रधानमंत्री के कहने का आशय यह था कि भारत का एक बड़ा बाजार है और विश्व की कंपनियों को यहां अवसर तलाशने के लिए निवेश करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का जिक्र करते हुए कहा - आज भारत, दुनिया में रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है। 50 लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर डेवलपर्स भारत में काम कर रहे हैं। आज भारत में दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं। 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर्ड हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने सेहत और जलवायु परिवर्तन का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि मिशन लाइफ का विश्वव्यापी जनआंदोलन बनना ज़रूरी है। लाइफ जैसे जनभागीदारी के अभियान को हम P-3, ‘Pro Planet People’ का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं। हमें ये मानना होगा कि हमारी लाइफस्टाइल भी जलवायु के लिए बड़ी चुनौती है। इस्तेमाल करो और फेंक दो की संस्कृति के जरिए उपभोक्तावाद ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती को और गंभीर बना दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा - आज की जो ‘take-make-use-dispose’ इकॉनमी है, उसको तेज़ी से सर्कुलर इकॉनमी की तरफ बढ़ाना बहुत ज़रूरी है। बता दें कि सर्कुलर इकॉनमी का मतलब यह है कि एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो टिकाऊ होने के साथ-साथ नई तकनीक को अपनाए। इसके जरिए संसाधनों के फिर से इस्तेमाल की बात की जाती है, न कि मौजूदा दौर की इस्तेमाल करो और फेंक दो तकनीक की बात की जाती है। यानी तमाम चीजों को रीसाइकल करके फिर से इस्तेमाल में लाना।
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