भारतीय चुनाव व्यवस्था
पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा
मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारतीय जनता
पार्टी (भाजपा) को सबसे ज्यादा 614.6 करोड़ रुपये चंदे में मिले, दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी है जिसे 95.4
करोड़ रुपये चंदे में मिले। पिछले वित्त वर्ष में राष्ट्रीय दलों को 7,141 चंदों से 780.77
करोड़ रुपये हासिल हुए।
भाजपा को 4,957
चंदों से कुल 614.626 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 1,255
चंदों से 95.45 करोड़ रुपये दान में मिलने की घोषणा की है। भाजपा
को मिला कुल चंदा, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी और अखिल भारतीय तृणमूल
कांग्रेस इसी अवधि में कुल चंदे से तीन गुना से अधिक है। इससे इतर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को लगातार 16वें साल भी 20,000 रुपये से अधिक का कोई चंदा नहीं मिला।
रिपोर्ट में कहा
गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान राष्ट्रीय दलों के कुल चंदे में 187.026
करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हुई, जो 2020-21 वित्त वर्ष से 31.50 प्रतिशत अधिक है। 2020-21 के दौरान भाजपा को 477.545
करोड़ रुपये का चंदा मिला था जो 2021-22 में 614.626 करोड़ रुपये हो गया। भाजपा को मिले चंदे में 28.71%
की बढ़ोत्तरी हुई है।
वहीं 2020-21
में कांग्रेस को दान 74.524
करोड़ रुपये चंदे स्वरूप मिले थे जो 2021-22
में
बढ़कर 95.459 करोड़ रुपये हो
गये। कांग्रेस के चंदे मे 28.09 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि वित्त वर्ष 2019-20
और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच कांग्रेस के दान में 46.39%
की कमी आई है।
पिछले वित्त
वर्ष की तुलना में, सीपीआई (एम) द्वारा घोषित दान में 22.06%
(₹ 2.846 करोड़) और
एनपीईपी 40.50% (₹ 24.10 लाख को मिले कुल चंदे में कमी आई है। वित्त वर्ष 2021-22
के में कॉर्पोरेट/व्यावसायिक क्षेत्रों द्वारा 625.883
करोड़ रुपये के 2,551 चंदे दिए गये (कुल दान का 80.16%)
थे, जबकि 4,506 व्यक्तिगत दानदाताओं ने राजनीतिक दलों को 153.328
करोड़ रुपये का (कुल दान का 19.6379%)
चंदा दिया।
एडीआर के अनुसार, भाजपा (548.808 करोड़ रुपये) को पिछले एक साल में अन्य सभी
राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कॉर्पोरेट दान की कुल राशि (77.075
करोड़ रुपये) से सात गुना से अधिक प्राप्त हुआ।
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