ईरान के केरमन शहर में बुधवार को आतंकी हमला हुआ है। यहां हुए दो धमाकों में अब तक करीब 100 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं करीब 150 लोगों के घायल होने की खबर आ रही है।
यह आतंकी हमला ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी के मकबरे पर हुआ है। स्थानीय पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में इसे फिदायीन हमला बताया है। इस मामले की जांच की जा रही है कि इसके पीछे किन शक्तियों का हाथ है। पूर्व ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या आज से करीब चार वर्ष पहले कर दी गई थी।
माना जाता है कि सुलेमानी को 2020 में अमेरिका और इजराइल ने तब मार गिराया था जब वह बगदाद में थे। ईरान में सुलेमानी को एक नेशनल हीरो के तौर पर देखा जाता है और वहां की जनता में वह काफी लोकप्रिय हैं। यही कारण है कि उनके मकबरे पर बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी।
वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी अधिकारियों ने बुधवार को कहा है कि कासिम सुलेमानी की स्मृति में आयोजित एक समारोह में हुए दो विस्फोटों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। जबकि कई घायल हैं।
एक अनाम अधिकारी ने राज्य समाचार एजेंसी आईआरएनए को बताया कि करमान के शहीद कब्रिस्तान की ओर जाने वाली सड़क पर लगाए गए दो विस्फोटक उपकरणों को आतंकवादियों द्वारा रिमोट से विस्फोट किया गया था।
ईरान के सरकारी टेलीविजन ने कहा है कि कम से कम 100 लोग मारे गये हैं। अभी तक किसी भी समूह ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। ईरानी मीडिया द्वारा प्रसारित वीडियो में घटना स्थल पर चारों ओर दर्जनों शव बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं।
करमन रेड क्रिसेंट सोसाइटी के प्रमुख रेजा फलाह ने राज्य टेलीविजन को बताया है कि सभी सुरक्षा और सुरक्षा उपायों के बावजूद, वहां एक भयानक आवाज़ सुनी गई। हम अभी भी जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि अब हम इलाके से घायलों को निकाल रहे हैं। भीड़ बहुत ज्यादा है और यहां से घायलों को निकालना काफी कठिन है, वहां तक पहुंचने के सभी रास्ते बंद हैं।
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2020 में अमेरिका और ईरान के संबंध हो गए थे तनावपूर्ण
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि बगदाद हवाई अड्डे पर एक ड्रोन हमले में सुलेमानी की हत्या और तेहरान की जवाबी कार्रवाई में इराक में मौजूद अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर हुए हमले के बाद 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान पूर्ण संघर्ष के करीब आ गए थे।ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) की विदेशी शाखा, विशिष्ट कुद्स बल के मुख्य कमांडर के रूप में, सुलेमानी ने विदेशों में कई गुप्त अभियान चलाए थे। वह मध्य पूर्व से अमेरिकी सेना को बाहर निकालने के लिए ईरान के लंबे समय से चले आ रहे अभियान के एक प्रमुख अधिकारी थे।
वहीं पिछले 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल में हुए हमले के प्रतिशोध में गजा में ईरान समर्थित हमास आतंकवादियों पर इज़राइल के हमले और गजा में इससे भड़के युद्ध के कारण एक बार फिर ईरान और इजरायल के साथ-साथ उसके सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।
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