क्यों बढ़ा युद्धविराम उल्लंघन?
सिर्फ जून महीने में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने 302 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया है। उसने इसके पहले यानी मई में 382 बार युद्धविराम को तोड़ा है।क्या यह महज संयोग है कि मई-जून में जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन ने सैनिक जमावड़ा कर लिया, नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने भी युद्धविराम उल्लंघन की वारदात और गोलाबारी बढ़ा दी?
ज़्यादा मुठभेड़
लेकिन बात यहीं नहीं रुकती है। इसके अलावा इस दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियाँ भी बढ़ गईं। लेकिन इस दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने इन आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाइयों में तेज़ी की, अधिक मुठभेड़ें हुईं और ज़्यादा आतंकवादी मारे गए।“
'लगातार युद्धविराम उल्लंघन की एक ही वजह है, पाकिस्तान कश्मीर घाटी में स्थिति खराब करने के लिए आतंकवादी भेजने की कोशिश करता है और वह उन्हें मदद करने के लिए गोलाबारी करता है।'
लेफ़्टीनेंट जनरल बी. एस. राजू, कमांडर, चिनार कोर
पाक सेना का मंसूबा
दरअसल होता यह है कि पाकिस्तान युद्धविराम का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी करता है जो घुसपैठ की घात लगाए आतंकवादियों के लिए एक तरह का कवर फ़ायर होता है। वे इस गोलाबारी के मौके का फ़ायदा उठा कर नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय सीमा में घुस जाते हैं।सुरक्षा बल सक्रिय
आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, इस साल 25 जून तक 119 आतंकवादी मारे गए हैं। इसके पहले साल 2018 में 254 तो साल 2017 में 213 आतंकवादी मारे गए थे।राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य लेफ़्टीनेंट जनरल (रिटायर्ड) सुब्रत साहा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'कश्मीर में सुरक्षा बल पहले से अधिक सक्रिय हैं क्योंकि चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव है।'
सुब्रत साहा इसके पहले चिनार कोर कमांडर रह चुके हैं।
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