दिल्ली के निज़ामुद्दीन में 13-15 मार्च तक आयोजित हुए धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले 6 लोगों की मौत हो गई है। तेलंगाना सरकार ने इसकी पुष्टि की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर सोमवार रात को कहा गया है कि दो लोगों की मौत गांधी अस्पताल में, एक की अपोलो में, एक व्यक्ति की ग्लोबल अस्पताल में, एक की निज़ामाबाद और एक व्यक्ति की मौत गढ़वल जिले में हुई है।
राज्य सरकार ने कहा है कि चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग चाहता है कि इस धार्मिक प्रार्थना में शामिल प्रत्येक व्यक्ति खुद ही इसकी जानकारी अधिकारियों को दे दे। सोमवार दोपहर से ही राजधानी दिल्ली सहित देश भर में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि निज़ामुद्दीन इलाक़े में क़रीब 200 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखे हैं। इन लोगों की जाँच की जा रही है और क़रीब 2000 लोगों को क्वरेंटीन किया गया है।
मौलाना के ख़िलाफ़ होगी एफ़आईआर
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस धार्मिक कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले मौलाना के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश दिये हैं। दिल्ली सरकार अब इस इलाक़े में हर एक घर को सैनिटाइज करेगी। पुलिस इस पूरे इलाक़े पर ड्रोन के जरिये पैनी नजर रख रही है। इसलामिक संगठन तबलीगी जमात ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था और इसमें इंडोनेशिया, मलेशिया सहित कई देशों से आये 2000 लोगों ने भाग लिया था।
दिल्ली में जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिखे हैं वे सभी निज़ामुद्दीन दरगाह के पास मसजिद में एक धार्मिक कार्यक्रम में शरीक हुए थे। इस धार्मिक कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों से क़रीब 500 लोग इकट्ठे हुए थे और ये सभी लोग अपने राज्यों में वापस लौट चुके हैं। ऐसे में अब इस वायरस के संक्रमण का ख़तरा और ज़्यादा बढ़ गया है।
'एनडीटीवी' के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि ये लोग क़रीब 20-30 बसों में देश के अलग-अलग हिस्सों में अपने घरों को लौटे हैं। अधिकारी अब इन लोगों का पता लगा रहे हैं। 'द हिंदू' के अनुसार, शुक्रवार को ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उन छह लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है जो निज़ामुद्दीन में हुए इस कार्यक्रम में शामिल होकर कोलकाता होते हुए घर लौटे थे।
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