शीतकालीन सत्र में सोमवार को एक बार फिर विपक्षी सांसदों के निलंबन को वापस लेने और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। इस वजह से लोकसभा और राज्यसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा।
राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर शीतकालीन सत्र शुरू होने के पहले दिन से ही हंगामा हो रहा है। विपक्ष ने सरकार को इस पर घेर लिया है।
सोमवार को एक बार फिर इस मामले पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार ने इन सांसदों से माफ़ी मांगने के लिए कहा है।
उधर, लोकसभा में लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग को विपक्ष ने फिर से उठाया। हंगामे और शोरगुल के कारण सदन की कार्यवाही बाधित होती रही। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि टेनी को मंत्रिमंडल से हटाया जाना चाहिए।
लखीमपुर खीरी मामले में जांच के लिए बनी एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। एसआईटी ने कहा है कि यह घटना किसानों की हत्या करने की सोची-समझी साजिश थी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अलावा शिव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, एआईएमआईएम सांसद असदउद्दीन ओवैसी सहित कई नेताओं ने टेनी के इस्तीफ़े की मांग की है। विपक्ष भले ही जोर-शोर से टेनी के इस्तीफ़े की मांग कर रहा हो लेकिन केंद्र सरकार और बीजेपी इसके लिए शायद तैयार नहीं दिखती।
बीजेपी के बड़े नेता टेनी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं हैं। केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी नेताओं का कहना है कि लखीमपुर खीरी मामला कोर्ट में विचाराधीन है और एसआईटी को अभी इस मामले में अपनी फ़ाइनल रिपोर्ट जमा करनी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि टेनी को पत्रकारों से बात करते वक़्त संयम रखना चाहिए था और बदसलूकी किया जाना ग़लत है।
सरकार का यह मत है कि बेटे की ग़लती की सजा उसके पिता को नहीं दी जा सकती।
अपनी राय बतायें